सीमा खत्म, पेट्रोल पंपों पर पसरा सन्नाटा
बांदा, जागरण संवाददाता : नोटबंदी के 25वें दिन यानि शुक्रवार की आधी रात से पेट्रोल पंपों पर पांच सौ र
बांदा, जागरण संवाददाता : नोटबंदी के 25वें दिन यानि शुक्रवार की आधी रात से पेट्रोल पंपों पर पांच सौ रुपये के पुराने नोट लेने पर रोक लगा दी गई। इससे शनिवार को अधिकांश पेट्रोल पंपों में सन्नाटा रहा। वहीं दो हजार रुपये का नोट लेकर पहुंचे, उपभोक्ताओं को फुटकर न होने पर बैरंग होना पड़ा। वहीं इसको लेकर कई पेट्रोल पंपों पर नोकझोंक भी हुई।
नोटबंदी की घोषणा के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने लोगों को राहत देते हुए पेट्रोल पंप, बीज भंडार, अस्पताल समेत कुछ स्थानों पर पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट लेने की छूट दी थी। समय के साथ अपने आदेशों पर रिजर्व बैंक परिवर्तन करती रही। कुछ दिनों पहले सरकार ने पेट्रोल पंप में दो दिसंबर से पूरी तरह पांच सौ के पुराने नोट लेने की व्यवस्था पर रोक लगा दी। जानकारी मिलने पर शुक्रवार को ही ज्यादा से ज्यादा लोगों ने पंपों से पेट्रोल अपनी गाड़ियों में डलवा लिया। जिसका असर शनिवार को पेट्रोल पंपों में दिखाई पड़ा। हालात यह रहे कि लगभग सभी पेट्रोल पंपों में इक्का दुक्का ग्राहक ही नजर आए। वहीं कुछ लोग दो हजार का नोट लेकर पहुंचे। फुटकर की समस्या होने पर काफी बहस के बाद वाहन चालकों को लौटना पड़ा।
उधर नोटबंदी के 25वें दिन बैंकों में स्थिति सामान्य रही। कई और एटीएम चलने के कारण लोगों को राहत हुई। कचहरी स्थित एसबीआई के दोनो एटीएम के चलने के बाद ज्यादा लोगों की भीड़ नहीं दिखी। शहर के अंकित गुप्ता, राहुल, बंटी आदि ने बताया कि सिर्फ राजनैतिक दल ही नोटबंदी का विरोध कर रहे हैं और ज्यादा दिक्कतें उन्हीं को रो रही है। जबकि आम आदमी दिक्कत सहते हुए भी आराम से अपना घर खर्च चला रहा है। मौजूदा समय शहर की स्थिति तो ठीक है लेकिन ग्रामीण इलाकों के हालात अभी भी ज्यादा नहीं सुधरे हैं। ग्रामीण इलाकों की अधिकांश शाखाओं में पर्याप्त रुपया नहीं पहुंच रहा है।
पेंशनरों ने की अलग व्यवस्था की मांग
उत्तर प्रदेशीय सेवा निवृत्त प्राथमिक शिक्षक कल्याण परिषद ने जिलाधिकारी से पेंशनरों के लिए बैंकों में अलग व्यवस्था कराने की मांग की है। उन्होंने महाप्रबंधक इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक से भी व्यवस्था कराने की बात कही है। परिषद के अध्यक्ष कन्हैयालाल दीक्षित ने बताया कि बैंक कर्मी चहेतों को तो मन मुताबिक रुपये दे रहे हैं। परंतु पेंशनर्स को दो-ढाई हजार रुपये ही दिये जा रहे है। तमाम पेंशनर्स बीमार व वृद्ध हैं। उन्हें दवा व खर्च की जरूरतों को पूरा करने के लिए रुपये की जरूरत है। उन्होंने व्यवस्था दुरुस्त न कराए जाने पर धरना व आंदोलन की भी चेतावनी दी है।