एफआर निरस्त, पुनर्विवेचना के आदेश
बांदा, जागरण संवाददाता: दुराचार मामले में पुलिस की अंतिम आख्या को कोर्ट ने पीड़िता के विरोध पर निरस्
बांदा, जागरण संवाददाता: दुराचार मामले में पुलिस की अंतिम आख्या को कोर्ट ने पीड़िता के विरोध पर निरस्त कर दी है। पुलिस को आदेश दिए गए हैं कि मामले की पुनर्विवेचना पीड़िता के तथ्यों के आधार पर की जाए। ज्ञात हो समाजसेवी आशीष सागर के विरुद्ध नरैनी कोतवाली में 14 मार्च 2016 को धारा 376, 452, 504, 506 व 3(1)11 एससीएसटी के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। मामले की विवेचना सीओ राजेंद्र कुमार द्वारा की गई। उन्होंने 16 जून 2016 को कोर्ट में अंतिम आख्या प्रस्तुत कर दी। पीड़िता ने इस अंतिम आख्या का कड़ा विरोध किया। कहा कि पुलिस ने विवेचना में उनके तथ्यों को शामिल नहीं किया है। पीड़िता के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए सीजेएम ने पुलिस की अंतिम आख्या को निरस्त कर दिया। अपने आदेशों में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि विवेचना उचित प्रकार से नियमानुसार नहीं की गई है।