आत्महत्या के लिए प्रेरित करने पर दस साल की सजा
बांदा, जागरण संवाददाता: एडीजे प्रथम की अदालत ने दहेज को लेकर पति की प्रताड़ना से आजिज मां व दो बच्चों
बांदा, जागरण संवाददाता: एडीजे प्रथम की अदालत ने दहेज को लेकर पति की प्रताड़ना से आजिज मां व दो बच्चों की मौत के मामले में जुर्म साबित हो जाने पर पति को दस वर्ष की कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी गिरफ्तारी के बाद से जेल में था।
वादी करीम बक्श पुत्र इमाम बक्श निवासी तकियापुरा जनपद महोबा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसने अपनी बेटी आसमा (30) वर्ष का विवाह करीब दस साल पहले रफीक पूत्र रमजान निवासी मुहल्ला खुटला शहर बांदा के साथ किया था। जिससे तीन बच्चे सहजान (7), एजाज (3) व खुशी (2) वर्ष हुए थे। शादी के बाद से दहेज को लेकर रफीक व उसके घर वाले बेटी को परेशान करते थे। उसने 5 अप्रैल 2012 को अपनी छोटी बेटी सबा बानो की शादी की थी। तब से बड़ी बेटी के पति व ससुराल के लोग और परेशान करने लगे। बेटी से कहते थे कि तुम्हारे पिता ने छोटी बेटी को ज्यादा दहेज दिया है। पिता से हमे भी दिलाओ। बेटी के असमर्थता जताने पर दामाद रफीक ने बेटी व उसके बच्चों को तीन दिन तक खाना नहीं दिया और घर में बंदकर निकल गया। 5 मई 2012 को जब वह घर आया तो बेटी ने बच्चों को खाना न देने पर विवाद किया। जिस पर रफीक ने बेटी के साथ मारपीट की। उसे 6 मई 2012 को फोन पर सूचना मिली की आग से उसकी बेटी आसमा, बच्चा ऐजाज व बच्ची खुशी की जलकर मौत हो गई। पुलिस ने रफीक के विरूद्ध चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की। मुकदमा दरम्यान शासकीय अधिवक्ता मूलचंद्र कुशवाहा ने 8 गवाह पेश किए। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश केके अस्थाना ने जुर्म साबित हो जाने पर आरोपी रफीक को धारा 498 ए में 3 वर्ष की कैद व 3 हजार जुर्माना, धारा 306 में दस वर्ष की कैद व दस हजार जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर आरोपी को तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।