वायरल से पूरा घर हो सकता प्रभावित, करें बचाव
बांदा, जागरण संवाददाता : बारिश के सीजन में अक्सर शोर सुनाई पड़ता है कि डायरिया हो गया, डायरिया फैला ह
बांदा, जागरण संवाददाता : बारिश के सीजन में अक्सर शोर सुनाई पड़ता है कि डायरिया हो गया, डायरिया फैला है, पर आम लोग यह जल्दी नही समझ पाते हैं कि डायरिया कितनी तरह का होता है। डायरिया से बचने के लिए हकीकत में किन बातों का सबसे ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। इसमें वास्तव में डायरिया दो तरह का होता है, पहला वायरल डायरिया, जिसके विषाणु खुद ही हवा के साथ खुले रखे खाना-पानी को प्रभावित करता है। जिनका सेवन करने से एक साथ घर व कुनबे के कई लोग डायरिया से प्रभावित होकर बीमार पड़ जाते हैं। इसी तरह डायरिया का दूसरा रूप बैक्टिरियल होता है। इसको बैक्टिरियल डायरिया के नाम से चिकित्सीय पद्यति में जाना जाता है। इसका फैलाव पुराने रखे पानी के सेवन व पुराने बासी भोजन से होता है। बैक्टिरियल डायरिया फैलाने में मख्खियों की भी सबसे ज्यादा भूमिका होती है। यही वजह है कि डायरिया का प्रभाव बारिश के सीजन में ज्यादा होता है। बारिश के सीजन में मख्खियों की अधिकता होने से यह गंदी जगह से बैठकर जिस खाने व पानी में बैठती हैं उनके सेवन से लोग बैक्टिरियल डायरिया के प्रभाव में जल्दी आ जाते हैं। इस डायरिया में जीवाणु असरकारी होता है। डायरिया के दोनों स्वरूप के उपचार के बारे में जिला अस्पताल के वरिष्ठ ईएमओ विनीत सचान का कहना है कि वायरल डायरिया से प्रभावित मरीज को दवाओं से शीघ्र ठीक करना संभव नही होता है। उपचार में एंटी बायोटिक के अलावा ठीक होने में कम से कम चार पांच दिन का समय लगता है। दवाओं के साथ यह धीरे-धीरे ठीक होता है। वहीं दूसरी ओर बैक्टिरियल डायरिया के मरीज को एंटी बायोटिक दवाएं चलाकर जल्दी स्वस्थ्य किया जा सकता है। आम लोग अस्पतालों में इस बात को समझ नही पाते हैं, इससे तीमारदार कई बार शोर मचाने लगते हैं कि दवाएं मरीज को फायदा नहीं कर रही हैं। हकीकत में तीमारदार डायरिया के स्वरूप को नही पहचान पाते हैं।
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डायरिया के लक्ष्ण
- मरीज को पतले दस्त व उल्टी की शिकायत होती है।
- पेट में ऐंठन व मरोड़ की शिकायत भी होने लगती है।
- डायरिया पीड़ित को बुखार भी आ सकता है।
- कमजोरी आने के साथ शरीर में अकड़न महसूस होती है।
- वायरल डायरिया में बिल्कुल पानी जैसे दस्त होते हैं।
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बचाव के उपाय
- बारिश में खासकर मख्खियों को खाने-पीने के सामान में न बैठने दें।
- घर में किसी को डायरिया हो तो खाना-पानी बिल्कुल खुला मत छोड़ें।
- मख्खियों से बचाव को कीटनाशक दवाओं का सुविधा अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं।
- डायरिया के लक्ष्ण प्रकट होने पर ओआरएस का घोल पीएं।
- शौंच जाने के बाद व खाना खाने के पहले हाथ को साबुन से धुलें।
- बासी भोजन व विशुद्व पानी का सेवन न करें।
- बाजार के अधिक तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा न करें।
- पुराने कटे व सड़े गले फलों का सेवन करने से परहेज करें।