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अस्पताल गेट के बाहर जन्मे जुड़वा बच्चे

बांदा, जागरण संवाददाता : पैलानी थाना क्षेत्र के ग्राम ¨सधन कला निवासी गर्भवती गुड़िया (27) पत्नी सुनी

By Edited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 01:00 AM (IST)
अस्पताल गेट के बाहर जन्मे जुड़वा बच्चे

बांदा, जागरण संवाददाता : पैलानी थाना क्षेत्र के ग्राम ¨सधन कला निवासी गर्भवती गुड़िया (27) पत्नी सुनील को शुक्रवार सुबह घर में प्रसव पीड़ा होना शुरू हुई थी। इससे परिजनों व आशाबहू सुनंता ने उसे सीएचसी जसपुरा में भर्ती कराया। वहां से प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उसे जिला महिला अस्पताल रिफर कर दिया। इससे परिजन गर्भवती महिला को एंबुलेंस से लेकर जिला महिला अस्पताल पहुंचे। वहां प्रसव में लापरवाही किए जाने से महिला ने अस्पताल गेट के बाहर परिसर में दोपहर तकरीबन सवा दो बजे जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। परिसर में प्रसव होने से वहां लोगों की भीड़ लग गई। किसी तरह आशा बहू की मदद से परिजन प्रसूता को लेकर जब अस्पताल पहुंचे तो वह हंगामे जैसे स्थिति बन गई। प्रसूता के परिजनों ने बताया कि गुड़िया चौथी बार मां बनी है, उसके पहले से तीन बच्चे हैं। इस बार उसने जुड़वा एक बेटी व एक बेटे को जन्म दिया है। आरोप लगाया कि सीएचसी से रिफर होने के बाद जब जिला महिला अस्पताल पहुंचे तो डाक्टरों ने खून कम होने की बात कहकर प्रसव कराने से मना कर दिया था। इससे वह अपने मरीज को लेकर काफी देर तक अस्पताल गेट के बाहर बैठे रहे हैं। मजबूरी में जब वह गर्भवती महिला को मेडिकल कालेज ले जाने लगे हैं। अस्पताल के बाहर प्रसव हो गया है। इन्हीं बातों को लेकर डाक्टरों व प्रसूता के परिजनों में खासी झड़प हो गई। डिलेवरी रूम के बाहर नोकझोंक होने से हंगामे जैसी स्थिति बन गई। डाक्टर जहां प्रसव के बारे में अपनी सफाई देते रहे वहीं परिजन प्रसव कराने में घोर लापरवाही दिखाने की बात कहते रहे हैं। इससे वहां खासा लोगों का मजमा लगा रहा है।

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- एंबुलेंस से मरीज अस्पताल लाने पर उसे तुरंत भर्ती किया गया है। महिला के खून 6 ग्राम होने से तीमारदारों से खून की व्यवस्था करने को कहा गया था। अस्पताल में प्रसव कराने को किसी ने मना नही किया है, तीमारदार खुद मरीज को बाहर लेकर जा रहे थे, इससे परिसर में प्रसव हुआ है।

डा. उषा ¨सह सीएमएस जिला महिला अस्पताल बांदा

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परिजनों के साथ आशा बहू भी बिफरी

बांदा : अस्पताल गेट के बाहर प्रसव होने से आशा बहू में भी नाराजगी देखने को मिली। आशा बहू सुनंता का कहना रहा कि वह समय से मरीज को लेकर अस्पताल पहुंच गई थी। आरोप लगाया कि उसके कहने के बाद भी मरीज को डिलेवरी रूम के बरामदे से बाहर लौटा दिया गया है। इससे प्रसव बाहर हुआ है।

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प्रसव के बाद भी नही दिखाई मानवता

बांदा : अस्पताल गेट के बाहर परिसर में प्रसव किसी की गल्ती से हुआ है यह तो फिलहाल जांच के बाद ही सामने आ सकता है। प्रसव के बाद वहां मौजूद परिजनों व अन्य लोगों के भागकर अस्पताल के अंदर सूचना देने पर भी स्वास्थ्य कर्मियों ने मानवता नही दिखाई। जल्दी मौके पर पहुंचने की जगह काफी देर बाद कर्मचारी मौके पर पहुंचे हैं। इस बीच राहगीर महिलाओं ने परिजनों के साथ मिलकर पर्दा करने का काम किया।


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