बिजली पर आंधी की मार और सुस्त पड़ा विभाग
बांदा, जागरण संवाददाता : जिले के कई हिस्सों में आयी आंधी से जगह-जगह जर्जर पोल उखड़ गए व कई टूटकर गिर
बांदा, जागरण संवाददाता : जिले के कई हिस्सों में आयी आंधी से जगह-जगह जर्जर पोल उखड़ गए व कई टूटकर गिर गए हैं। इससे विभाग की भ्रष्ट नीति का खुलासा हो गया है। वहीं बिजली के तार भी पड़े पैमाने पर टूटने से विभाग का भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है। विभाग लाइन बदलने के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों खर्च करता है लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। कई जगह जर्जर लाइन टूटने से बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। शहरी क्षेत्र में कई जगह लाइन लास होने से कई मुहल्लों की बिजली आपूर्ति ठप रही। इससे पेयजल संकट भी गड़बड़ा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी ट्यूबवेल न चलने के कारण पेयजल आपूर्ति पर असर पड़ा है। विभागीय लाइनमैन बगैर पारिश्रमिक लिए क्षेत्र में जाना उचित नहीं समझते हैं। ऐसे में सूखे की मार से त्रस्त किसान व उपभोक्ता बिजली आने की कई-कई दिनों तक राह देखता रहता है।
प्रतिक्रिया
- बिजली की जर्जर लाइनों के कारण हल्की सी तेज हवा चलने के कारण तार टूटकर अलग हो जाते हैं। इससे जनहानि के साथ आर्थिक नुकसान भी बहुत ज्यादा होता है। विभागीय अधिकारी इन सबसे अनजान बने रहते हैं। - अशोक
- प्रति वर्ष जर्जर लाइन को बदलने, ढीले तारों को कसने के नाम पर लाखों रुपए कागजों में खर्च किए जाते हैं। वहीं लाइनमैन भी जब तक पांच सौ से एक हजार नहीं पा जाता फाल्ट सुधारने क्षेत्र में कदम नहीं रखता। सुधार की जरूरत है। - राशिद
- अधिकारियों की सुस्ती व अनदेखी के चलते उपभोक्ता हितों की अनदेखी हो रही है। वेतन, मानदेय पर तैनात कर्मी जब तक मनमाफिक रकम नहीं पा जाते लाइनों को ठीक करने से कतराते हैं। अधिकारी जानकर भी अनजान बने रहते हैं। - मेघा चतुर्वेदी
- बिजली विभाग के भ्रष्टाचार की पोल जिले में तब उजागर हो जाती है जब हल्की सी तेज हवा जगह-जगह तारों को तोड़ देती है। खंभे उखड़ या टूट जाते हैं। उन्हें सही करने में एक सप्ताह से विभाग को अधिक का समय लगता है। - स्मृति ¨सह