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आयुक्त ने फटकारा तो हाथ जोड़ खड़े हुए किसान नेता

बांदा, जागरण संवाददाता : बुंदलेखंड किसान यूनियन द्वारा किसानों को मुआवजा में गड़बड़ी के विरोध में आयुक

By Edited By: Published: Tue, 02 Jun 2015 01:12 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2015 01:12 AM (IST)
आयुक्त ने फटकारा तो हाथ जोड़ खड़े हुए किसान नेता

बांदा, जागरण संवाददाता : बुंदलेखंड किसान यूनियन द्वारा किसानों को मुआवजा में गड़बड़ी के विरोध में आयुक्त कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया गया। आयुक्त को बुलाने की मांग को लेकर बुकियू पदाधिकारियों ने आयुक्त कार्यालय में ताला डाल दिया। वहां पहुंची आयुक्त ने यूनियन के पदाधिकारियों को न सिर्फ जमकर फटकार लगाई। बल्कि डीजे लगाकर भाषणबाजी करने पर खरी-खरी सुनाई। आयुक्त श्री मती अवस्थी के सख्त तेवर देख किसान यूनियन के नेताओं ने बैकफुट पर आने में देर नहीं लगाई। हाथ जोड़कर अपनी बात कहते रहे। बाद में अन्य अधिकारियों के पहुंचने के बाद मामला ठंडा पड़ा। ज्ञापन लेकर आयुक्त ने समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।

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दोपहर करीब पौने 3 बजे सैकड़ों की संख्या में मौजूद किसान बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा के नेतृत्व में आयुक्त कार्यालय पहुंचे। सभी किसान अशोकलाट तिराहे से पैदल ही एक वाहन पर डीजे रखकर अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भीड़ के रूप में वहां तक पहुंचे थे। तबतक आयुक्त अपने कार्यालय से आवास जा चुकी थीं। किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने नारेबाजी करते हुए आयुक्त को ही ज्ञापन सौंपने की बात कही। हांलाकि दूसरे अधिकारी ज्ञापन लेने को आगे आए लेकिन किसान आयुक्त को ही ज्ञापन सौंपने की जिद्द पर अड़े थे। डीजे पर किसान यूनियन के लोग समस्याओं को भाषण देते रहे। एलआईयू द्वारा सूचना के बाद वहां फोर्स भी पहुंच गया। करीब 20 मिनट बाद पहुंची आयुक्त कल्पना अवस्थी अपने कार्यालय पर तालाबंदी और डीजे पर भाषणबाजी देख नाराज हो गईं। उन्होंने किसान यूनियन के नेताओं को जमकर फटकारा। कहा कि 'कहीं कोई समस्या नहीं है।' इस दौरान आयुक्त ने बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के हाथों से माइक ले लिया। माइक हाथ में उठाकर कई बार आयुक्त ने पदाधिकारियों को डांट लगाई। पदाधिकारी हाथ जोड़कर 'मैडम सुनिए, मैडम सुनिए' कहते रहे। काफी देर बाद आयुक्त का गुस्सा शांत हुआ। तबतक अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद किसान नेता आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर वहां से रवाना हुए।

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नेतागिरी के अद्वितीय क्षण

बांदा : ऐसा बहुत कम होता है कि जब सैकड़ों की भीड़ सुन रही हो और एक अधिकारी सबको डांट रही हो। वरना ऐसे हालातों में अक्सर अधिकारी ज्ञापन लेकर चले जाते हैं,लेकिन आयुक्त कल्पना अवस्थी का गुस्सा देखकर किसान नेता एक शब्द नहीं बोल सके और चुपचाप खड़े होकर उनकी बात सुनते रहे।

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'शांती से आइए और समस्या बताइए'

बांदा : भीड़ में खड़ी आयुक्त बार-बार किसान नेताओं को यही समझा रही थीं कि आप शांति से आइए और अपनी बात कहिए। जो समस्याएं हैं उनको दूर किया जाएगा। इसके लिए डीजे लगाकर नेतागिरी और दफ्तरों में तालाबंदी करके बवाल क्यों मचा रहे हो। किसको दिखाना चाहते हो और क्या साबित करना चाहते हो। आयुक्त की डांट सुनने के अलावा किसान नेताओं के पास जैसे कोई दूसरा चारा ही नहीं था।

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12 बजे आने का था समय - आयुक्त

ज्ञापन देने आने का समय 12 बजे बताया गया था। तीन बजे ज्ञापन देने के लिए लोग वहां पहुंचे। उनकी बातों को ध्यान से सुनकर सही तरीके से समस्या बताने की बात कही गई है। किसानों की समस्याओं के प्रति हम गंभीर हैं। - कल्पना अवस्थी, आयुक्त चित्रकूटधाम मंडल


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