41 किसानों की अकाल मौत मान सीएम से मांगी मदद
बांदा, जागरण संवाददाता : किसानों की मौत का कारण चाहे जो भी रहा हो लेकिन प्रशासन ने जिले में मार्च से
बांदा, जागरण संवाददाता : किसानों की मौत का कारण चाहे जो भी रहा हो लेकिन प्रशासन ने जिले में मार्च से अब तक 41 किसानों की मौतों को स्वीकार किया हैं। इसके लिए मृतक किसानों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक मदद किए जाने की सिफारिस की गई हैं।
जिले में फरवरी व मार्च माह में हुई ओलावृष्टि व बारिश से रबी की करीब साढ़े तीन लाख हेक्टेयर से अधिक की दलहन व तिलहन की फसले नष्ट हो गई। इससे करीब तीन लाख किसान प्रभावित हुआ। फसलों की बर्बादी देख किसानों का धैर्य टूटने लगा। किसी किसान की सदमे से मौत हुई तो किसी ने फसल की बर्बादी देखकर जान दे दी। फरवरी से अब तक जिले में करीब चार दर्जन से अधिक किसानों की मौत हुई है। लेकिन प्रशासन एक महिला किसान को छोड़कर किसी भी किसान की मौत को दैवीय आपदा से होना नही माना। लेकिन किसानों की लगातार हो रही मौतों ने प्रशासन को झकझोर दिया हैं। वह मृतक किसानों के परिजनों की मदद के लिए आगे आया हैं। जिलाधिकारी ने 42 मृतक किसान नरेंद्र भाटी, राम लखन घनसौल, शम्भू शिव, रामजियावन टोला कला, सूरजबली चकरेही, शाकिर कोर्रही, रामखेलावन गुगौली, कमलेश पिण्डारन, गया प्रसाद सिमौनी, अशोक मऊ, राजेंद्र बीरा, राममूरत कायल बबेरू, रामअवतार अनथुआ, राम नरेश सिकलोढ़ी, पुनीता जमुनिहा, लाला प्रसाद ओरन, जयपाल पहाड़ी, मन्नू ओरन, कलमतिया पिपरीखुर्द, अनिल महोतरा अतर्रा, गोरेलाल स्योढ़ा, बलवंत विल्हरका, नरेंद्र तरखरी, वंशगोपाल कल्यानपुर, चंदन बडेहा, भइयाराम पनगरा, रामकरन जोगिनपुरवा, राजाराम बरसड़ा मानपुर नरैनी, सिद्धा भाटीकला, गोपाल जसपुरा, रामखिलावन खप्टिहा, श्याम करन सिंधन पैलानी, शिव नरायन सादी मदनपुर, रामप्रसाद कनवारा, राजाराम भरखरी, छेदीलाल जसईपुर, चुनवाद महोखर, रमेश पिपरी बांदा के परिजनों को मुख्यमंत्री राहतकोष से आर्थिक मदद किए जाने की सिफारिश की हैं।