एलइडी लाइटों से रोशन होंगे बुंदेलखंड के रेलवे स्टेशन
बांदा, जागरण संवाददाता : कौन कहता है कि रेलवे को बिजली बचाने की फिक्र नहीं है। आखिर उसे भी खर्च वहन
बांदा, जागरण संवाददाता : कौन कहता है कि रेलवे को बिजली बचाने की फिक्र नहीं है। आखिर उसे भी खर्च वहन करना पड़ता है। रेलवे स्टेशनों में लगी लाइटों और अन्य हाईपावर हाइलोजन को हटाने का निर्णय लिया गया है। रेलवे का कहना है कि इनसे काफी तदाद में बिजली की खपत होती है। अब बुंदेलखंड क्षेत्र के रेलवे स्टेशन एलइडी लाइटों से रौशन होंगे। यहां तक कि 800 वाट की लाइटों को हटाकर 80 वाट की सीएफएल लगाईं जाएंगी।
मुख्यालय के रेलवे स्टेशन में तमाम लाइटें, हाइलोजन और ट्यूबलाइट्स लगी हुई हैं। इनकी संख्या पर अगर गौर किया जाए तो तकरीबन तीन सैकड़ा छोटी-बड़ी लाइटें लगी हुई हैं। रेलवे अधिकारियों की मानें तो रेलवे के उच्च अधिकारी भी बिजली की खपत पर कई बार सवाल खड़े कर चुके हैं। बिजली की खपत को कम करने के लिए मुख्यालय समेत आसपास के स्टेशनों में लगीं 800 वाट की हाइमास्ट लाइटें, हाइलोजन को जल्द ही हटाया जाएगा। इनकी जगह 80 वाट की सीएफएल का इस्तेमाल होगा और ज्यादातर एलइडी लाइटों का ही रेलवे स्टेशन को रौशन करने में उपयोग किया जाएगा। रेलवे इलेक्ट्रिकल विभाग के एसएसई आरके श्रीवास्तव ने बताया कि रेलवे जल्द ही एलइडी लाइटों को लगाने का काम शुरू करेगा। बताया कि तकरीबन एक सप्ताह पूर्व रेलवे मुख्यालय एक प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। उच्चाधिकारियों का दिशा निर्देशन मिलने के साथ ही काम शुरू कर दिया जाएगा। खैरार जंक्शन, मटौंध, कबरई, महोबा, इचौली के अलावा डिंगवाही, खुरहंड, अतर्रा, बदौसा, कर्वी, आदि स्टेशनों में भी एलइडी लाइटें लगाए जाने की संभावना है।
जनता और रेलवे हित में है प्रस्ताव
रेलवे स्टेशन प्रबंधक एससी पटेल ने कहा कि रेलवे स्टेशनों में एलइडी लाइटें लगाए जाने की की तैयारियां चल रही हैं। स्टेशन प्रबंधक ने कहा कि हाइमास्ट लाइटों की जगह एलइडी लाइटें लगने से रेलवे को बचत होगी। लोगों को ज्यादा अच्छी रोशनी मिल सकेगी।