खेत पानी से लबालब, डूबी फसल दोबारा नहीं होगी खड़ी
बांदा, जागरण संवाददाता : एक बार फिर जनपद के किसानों को ओलावृष्टि व बारिश ने बर्बादी की कगार पर खड़ा क
बांदा, जागरण संवाददाता : एक बार फिर जनपद के किसानों को ओलावृष्टि व बारिश ने बर्बादी की कगार पर खड़ा कर दिया हैं। पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही झमाझम बारिश से दलहन व तिलहन की फसलों को भारी क्षति हुई हैं। हांलाकि गेंहू की फसल को कोई खास नुकसान नही हुआ हैं जिससे किसानों के चेहरे पर चिंता की साफ लकीरें दिखाई दे रही हैं। पूरे साल परिवार का भरण पोषण को लेकर वह खासे परेशान हैं। कई किसानों की बेटियों की शादी जून माह में तय थी। उनके हाथ ने कैसे पीले होगे यह चिंता किसानों को रह-रहकर सता रही हैं।
किसानों की जुबानी उनका दर्द
- ओलावृष्टि व बारिश से खेतों में खड़ी मसूर व मटर की फसल बुरी तरह बर्बाद हो गई हैं। थोड़ी बहुत उम्मीद थी जो लगातार बारिश से खत्म हो गई है। - विष्णु सिंह बम्हौली
- दलहन व तिलहन की फसले खेतों में तैयार खड़ी थीं। ओलावृष्टि से पौध टूटकर जमीन पर गिर गए। 24 से लगातार बारिश से वह सड़ गए। - प्रेम किशोर कनवारा
- चना, मसूर, मटर, अरहर, लाही आदि में फूल व फल लगना शुरू गया था। अच्छी फसल की उम्मीद थी। बारिश से सबकुछ बर्बाद हो गया। - वीर सिंह मवई
- पूर्व में बारिश व कोहरा से मसूर व चना के फूल गिर गए थे। दोबारा फूल निकले व फल लगना शुरू हुए थे कि ओलावृष्टि ने तबाही मचा दी। - सोबरन दुरेड़ी
- ओलावृष्टि व बारिश से मसूर, मटर तो पूरी तरह से साफ हो गई हैं। जिन चलने में फूल लगे थे उसका उत्पादन आधा हो जाएगा। - जागेश्वर गिरवां
- ओलावृष्टि व बारिश से दलहन व तिलहन तो साफ हो गया। गेंहू को कम नुकसान है। बेटी के हाथ भी पीले करने हैं। - बालगोविंद अर्जुनाह