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ओलावृष्टि से दलहनी-तिलहनी फसलें बर्बाद

बदौसा, संवादसूत्र : शुक्रवार शाम हुई ओलावृष्टि ने क्षेत्रीय गांवों की तमाम फसलें तबाह कर दी। इस दौरा

By Edited By: Published: Sun, 01 Mar 2015 01:06 AM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2015 01:06 AM (IST)
ओलावृष्टि से दलहनी-तिलहनी फसलें बर्बाद

बदौसा, संवादसूत्र : शुक्रवार शाम हुई ओलावृष्टि ने क्षेत्रीय गांवों की तमाम फसलें तबाह कर दी। इस दौरान हुई मूसलाधार बारिश से कई खेतों में जलभराव हो गया। प्राकृतिक आपदा के इस कहर से किसानों में हाहाकार है।

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क्षेत्र के बदौसा, बरछा ब, दुबरिया, तरसूमा, भुसासी, उदयपुर, चंदौर, तुर्रा गांव में बीते दिवस शुक्रवार को शाम तेज आंधी के साथ बड़े ओले गिरे। खेतों पर खड़ी फसल टूटकर मिट्टी में मिल गई। बाद में हुई मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी। खेतों में पानी भर गया है। ओले की चादर दूसरे दिन पानी के ऊपर बिछी रही। त्रासदी से चना, मसूर, सरसों, गेहूं, अलसी, अरहर ही नहीं बल्कि टमाटर, बैगन, लौकी, मिर्च आदि तमाम पौधों की मात्र डंठल ही बाकी बचे। कई बड़े पेड़ों की छालें तक टूटकर नीचे गिर गई। उधर, खेतों ही नहीं बागवानी में भी कृषकों का हिमपात ने सब कुछ छीन लिया है। आम की बौर, अमरूद, बेर, महुआ की डालें तक टूटकर नीचे गिर गई है। इनमें अब इस वर्ष फल आने के आसार पूरी तरह हो गए हैं। पांच एकड़ बाग के मालिक उस्मान भाई के मुताबिक ओलावृष्टि से आम के छोटे पेड़ों की तमाम डाले तक नीचे गिर गई है। कई पेड़ों पर मात्र तना बाकी बचा है। सब्जी लगाए कृषक रत्‍‌नाकर सिंह, खालिक खान, एजाज खान ने कहा कि हजारों रुपए का खाद-बीज खेतों में बेकार चला गया। लौकी-कद्दू, टमाटर, बैगन, मिर्च, करेला आदि की तमाम पौधे टूटकर बिखर गए हैं। इनके अवशेष तक मिट्टी में मिल गए हैं।


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