अनोखे प्रयास से जगा रहे राष्ट्रभक्ति की अलख
लोकेंद्र प्रताप सिंह, बांदा : 'हम सब भारतीय हैं, भारत में रहने वाले सभी भाई-बहन' कभी प्राथमिक कक्
लोकेंद्र प्रताप सिंह, बांदा :
'हम सब भारतीय हैं, भारत में रहने वाले सभी भाई-बहन' कभी प्राथमिक कक्षा में पढ़ाया गया यह पाठ क्योटरा के शोभाराम कश्यप के दिल में बैठ गया। इसके बाद वर्ष 1992 में आई केन में बाढ से तबाही का मंजर देख शोभाराम कश्यप ने नदी में कूदकर तकरीबन 11 सौ परिवारों की जान बचाई थी। उस वक्त बाढ़ का आलम ऐसा था कि जिला प्रशासन के भी पैर फूल गए थे। सुबह जब स्टीमर के सहारे मौके पर पहुंच तत्कालीन जिलाधिकारी डा. शंकरदत्त ओझा को लोगों ने शोभा की हिम्मत के कारण बचने में कामयाब बताया तो बहादुरी से प्रभावित होकर तत्कालीन जिलाधिकारी ने शोभाराम कश्यप को बाढ़ त्रासदी का संयोजक बना दिया। इसके बाद से ही शोभा ने 50 झंडों को छात्रों के बीच बांटा कि उनके मन में भी देश भक्ति का जज्बा जगे और कभी ऐसी समस्या आए तो वह भी समस्या से ग्रसित लोगों की मदद के लिए पीछे न हटे। तब से आज तक शोभा 15 अगस्त और 26 जनवरी को हर सरकारी व गैर सरकारी विभागों के साथ छात्र-छात्राओं को हस्त निर्मित राष्ट्रध्वज भेंट करते चले आ रहे हैं।
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शोभा का संदेश, सब मिलकर चले साथ
बांदा : शोभाराम कश्यप ने जागरण के माध्यम से हर भारतीय से अपनी राष्ट्रीयता पर गर्व करने की अपील करते हुए कुछ ऐसा करने को कहा कि ताकि हम आपदा के वक्त सभी एक दूसरे के साथ खड़े हो सकें।