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बदले मौसम में बुखार पीड़ित बढ़े,एक की मौत

बांदा, जागरण संवाददाता : संक्रामक बीमारियों का प्रकोप सिर चढ़कर बोल रहा है। बुखार के साथ पीलिया पीड़ि

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 01:24 AM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 01:24 AM (IST)
बदले मौसम में बुखार पीड़ित बढ़े,एक की मौत

बांदा, जागरण संवाददाता : संक्रामक बीमारियों का प्रकोप सिर चढ़कर बोल रहा है। बुखार के साथ पीलिया पीड़ितों की संख्या बढ़ने से अस्पतालों में लाइनें लग रही हैं। इसी क्रम में बुखार से पीड़ित एक और युवक काल का निवाला बन गया। उसकी मौत से परिजनों में कोहराम मचा है। स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम न काफी होने से मरीजों को उपचार के लिए शहर तक दौड़ लगानी पड़ रही है।

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अक्टूबर माह के अंतिम दिनों में ठंड के दस्तक देने के साथ बुखार और पीलिया लोगों को चपेट में ले रहे हैं। आलम यह है कि सुबह से अस्पतालों में मरीजों की लाइनें लगने लगती हैं। अस्पताल बंद होने तक यह क्रम जारी रहता है। गंभीर मरीजों को अस्पतालों में जहां भर्ती किया जा रहा है वहीं मामूली पीड़ितों को चिकित्सक दवा देकर घर भेज रहे हैं। अस्पतालों में भीड़ अधिक होने से मरीजों को पर्चा काउंटर से लेकर दवा लेने व चिकित्सक से जांच कराने में कई घंटे का समय लगता है। इसी तरह हमीरपुर जिले के ग्राम गढ़ा निवासी संजय 28 को परिजनों ने दो दिन पहले बुखार से पीड़ित अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां उपचार के दौरान गुरूवार दोपहर उसकी मौत हो गई। युवक के दम तोड़ने से उसके परिजनों में कोहराम मचा है। उधर सरकारी अस्पतालों की तरह ही निजी अस्पतालों में भी मरीजों का तांता लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों से जिला अस्पताल उपचार को आए रामकिशोर, खेलावन, हीरालाल आदि का कहना है कि उनके गांवों में स्वास्थ्य टीमें राहत कार्य के लिए नही पहुंच रहीं हैं। इससे मजबूरी में उपचार के लिए दूर के अस्पतालों में आना पड़ता है।

बचाव के उपाय

- दूषित पानी पीने की जगह स्वच्छ व उबले पानी का सेवन करें

- बासी भोजन खाने से परहेज करें, ताजा खाना खाएं

- बाजार की अधिक तैलीय खाद्य पदार्थो का सेवन न करें

- सड़े व पुराने कटे फलों का सेवन न करें

- मच्छरों के काटने से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें

- घर व आसपास गंदगी न जमा होने दें


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