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सड़क हादसे में अधिवक्ता पुत्र की मौत, दूसरा घायल

बांदा, जागरण संवाददाता : कचहरी ओवर ब्रिज में बाइक फिसलने से अधिवक्ता पुत्र की मौत हो गई। बाइक में सव

By Edited By: Published: Sun, 19 Oct 2014 08:50 PM (IST)Updated: Sun, 19 Oct 2014 08:50 PM (IST)
सड़क हादसे में अधिवक्ता पुत्र की मौत, दूसरा घायल

बांदा, जागरण संवाददाता : कचहरी ओवर ब्रिज में बाइक फिसलने से अधिवक्ता पुत्र की मौत हो गई। बाइक में सवार उसका दोस्त घायल हो गया। तीमारदार जिला अस्पताल के डाक्टरों पर उपचार में लापरवाही करने का अरोप लगाकर हंगामा काटते रहे। पुलिस के पहुंचने से मामला किसी तरह शांत हो सका। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।

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मोहल्ला गायत्री नगर निवासी मो. खालिक खान का 18 वर्षीय पुत्र आमिर खान शहर के एक स्कूल में दसवी कक्षा का छात्र था। शुक्रवार रात तकरीबन दस बजे वह अपने दोस्त से मिलने बाइक में काशीराम कालोनी गया था। वहां से लौटते समय उसकी बाइक कचहरी ओवर ब्रिज के ऊपर फिसल गई। इससे खालिक व उसके साथ बाइक में सवार दोस्त नसीम 19 घायल हो गए। दोनों को राहगीरों की मदद से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उपचार के दौरान कुछ देर बाद अधिवक्ता पुत्र आमिर की मौत हो गई। तीमारदारों ने जैसे ही उसके दम तोड़ने की खबर सुनी। अस्पताल में हंगामे जैसे स्थिति बनी गई। तीमारदारों व परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों ने जहां उपचार में लापरवाही बरती है वहीं उसे समय से आक्सीजन तक नही लगाई गई है। हंगामें की स्थिति की सूचना मिलने पर सिविल लाइन चौकी प्रभारी केशव वर्मा ने पहुंचकर मामला शांत कराया। इसके बाद शव मरचरी में रखवाया गया। मृतक के परिजनों ने बताया कि वह दो भाइयों में घर का छोटा बेटा था। घटना से परिजनों में कोहराम की स्थिति है।

तीन माह में हुई तीन मौते, परिवार सदमें में

बांदा : सड़क हादसे में दम तोड़ने वाले छात्र आमिर के सरकारी अधिवक्ता पिता मो. खालिक खान ने मरचरी हाउस में बताया कि तीन माह पहले उसकी मां शाहजहां बेगम की ठंड लगने से मौत हो गई थी। इसी बीच उसके चाचा रहमान की भी मौत हो चुकी है। परिवार में अब यह तीसरी मौत है। तीन तीन मौत इतनी जल्दी होने से परिवार सदमे में है।

मरचरी में जीवित रखाने का आरोप

बांदा : छात्र की मौत पर जहां तीमारदारों ने उपचार में लापरवाही का आरोप लगाया है। वहीं मृतक छात्र के पिता का आरोप है कि उनका बेटा जीवित था। बिना ठीक से जांचे परखे उसे मरचरी कक्ष में रखवाया गया है। सुबह मरचरी का दरवाजा खोलने पर दरवाजे के पास खून मिला है। इससे साफ जाहिर है कि जिस जगह उसे लिटाया गया था। वह जीवित होने से वहां से उठकर खड़ा हुआ है। इसके बाद दोबारा गिरने से उसकी मौत हो गई है।


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