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कहीं मानक से ज्यादा, कहीं एक ही शिक्षक

बांदा, जागरण संवाददाता : जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में सरकारी गौरखधंधे के किस्से किसी से छिपे नहीं

By Edited By: Published: Thu, 02 Oct 2014 01:12 AM (IST)Updated: Thu, 02 Oct 2014 01:12 AM (IST)
कहीं मानक से ज्यादा, कहीं एक ही शिक्षक

बांदा, जागरण संवाददाता : जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में सरकारी गौरखधंधे के किस्से किसी से छिपे नहीं है। फिर चाहे मामला शिक्षकों की नियुक्ति में हेरफेर का हो या फिर उनकी तैनाती का। खुद आंकड़ें बोल रहे हैं विभाग के अधिकारियों ने अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए कैसे मानको की धज्जियां उड़ा रखीं हैं।

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सरकारी मानक के अनुसार 40 बच्चों पर एक शिक्षक की नियुक्ति की जाती है। वहीं बीआरसी बड़ोखर व महुआ के तमाम विद्यालय ऐसे हैं जहां इस मानक को दरकिनार कर नियुक्ति कर दी हैं। तो दूसरी ओर बीहड़ में स्थित विद्यालय एक शिक्षकों के भरोसे ही छोड़ रखे गए हैं। तो कुछ विद्यालयों में शिक्षक न होने के कारण कई माह से बंद चल रहे हैं। ऐसी स्थित में 'बस पढ़े-सब पढ़ें' का नारा कितना पादर्शिता पूर्ण है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

सभी को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की सरकार की मुहिम पर जिले के अधिकारी क्या गुल खिला रहे हैं। इसका अंदाजा तो दिल्ली-लखनऊ से बैठकर लगा पाना बड़ा मुश्किल है। क्योंकि जहां सरकार ने विभाग को यह मानक दिया है कि वह 40 बच्चों पर एक शिक्षक की तैनाती करे। इसका तो जिले के अधिकारियों ने मजाक ही बना ड़ाला है। उदाहरण के रूप में बडोखर व महुआ बीआरसी मौजूद हैं जहां तमाम विद्यालयों में मानक से ज्यादा शिक्षकों की तैनाती कर दी गई पर बिसंडा, जसपुरा, तिंदवारी व बबेरू के जिन विद्यालयों में तीन से चार शिक्षकों की आवश्यकता है। वह विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे ही संचालित हो रहे हैं। इतना ही नहीं फतेहगंज क्षेत्र के विद्यालयों का हाल यह है कि तमाम विद्यालय शिक्षकों की नियुक्ति न होने के कारण बंद चल रहे हैं। ऐसी स्थित को देखते हुए कहा जाए कि सब पढ़े-सब बढ़े तो यह बात नौनिहालों के साथ बेईमानी साबित होगी।

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शिक्षकों के टोटा शिक्षा की राह का बना रोड़ा

बांदा : बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में शिक्षकों का टोटा प्रगति की राह का सबसे बड़ा रोड़ा बन चुका है। बेसिक शिक्षा विभाग में लगभग तीन हजार शिक्षकों खाली पड़ी कुर्सियां शासन की मंशा को मुंह चिढ़ा रही है। उस पर भी बेसिक शिक्षा विभाग में स्थानांतरण के दौरान पादर्शिता न होना सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। तभी तो विभाग के 30 फीसद विद्यालय जहां एक शिक्षक के भरोसे हैं तो वहीं 10 फीसद विद्यालय शिक्षकों की नियुक्ति न होने के कारण बंद चल रहे हैं।

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सूची

* प्राथमिक विद्यालयों का हाल

विद्यालय - छात्र पंजीयन - तैनात अध्यापक - रिक्त पद

़1320 - 1,91,833 - 4691 - 2066

* जूनियर विद्यालयों का हाल

विद्यालय - छात्र पंजीयन - तैनात अध्यापक - रिक्त पद

619 - 60,943 - 833 - 1198

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शासन से नहीं है आदेश

'अभी स्थानांतरण व समायोजन के आदेश शासन स्तर से नहीं प्राप्त हुए हैं। जब आदेश आएगा तो एक विद्यालयों में मानक अनुरूप शिक्षक नियुक्त करना उनकी प्राथमिकता में होगा।' - डा. सत्यनारायण, बेसिक शिक्षा अधिकारी


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