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अधाधुंध कटौती के खिलाफ शहर में चार घंटे जाम

By Edited By: Published: Sat, 20 Sep 2014 01:05 AM (IST)Updated: Sat, 20 Sep 2014 01:05 AM (IST)
अधाधुंध कटौती के खिलाफ शहर में चार घंटे जाम

बांदा, जागरण संवाददाता : बिजली की अंधाधुंध कटौती के लिए शुक्रवार को लोगों का गुस्सा सड़क पर फूटा। लोगों ने रामलीला मैदान के सामने भरे बाजार में जाम लगाकर अपना गुस्सा जाहिर किया। इस दौरान शहर के व्यापारी और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे। शाम चार बजे लगा यह जाम रात करीब पौने आठ बजे तब खुला जब नगर मजिस्ट्रेट ने आश्वासन दिया। इस दौरान पुलिस बल भी मौजूद रहा।

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जिले में हावी बिजली संकट से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। गुरुवार देर शाम गुल हुई बिजली रात 12 बजे बहाल हो सकी। इसके बाद शुक्रवार को भी सुबह से दिनभर आवाजाही का क्रम चलता रहा। वहीं मच्छरों के प्रकोप को देखकर मौसमी बीमारियों की चिंता भी लोगों को खाई जा रही है। गुस्साए लोगों ने सायंकाल शहर के बाजार जाने वाले मार्ग में जाम लगाकर नारेबाजी की। शुक्रवार को बिजली की अधाधुंध कटौती से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। शहर के रामलीला, बाकरगंज, बन्योटा, डिग्गीतालाब, न्यू मार्केट में बीते दिवस फाल्ट से गुल हुई बिजली शुक्रवार शाम तक बहाल नहीं हो सकी। गुस्साए लोगों ने स्थानीय पूर्व सभासद कल्लू राजपूत, भगवानदीन गर्ग, व्यापारी सत्तीदीन शिवहरे, राकेश गुप्ता दद्दू, बच्ची सरदार, मुकेश कक्कड़, सुरेंद्र चौरसिया, रोहित गुप्ता आदि के नेतृत्व में जाम लगा दिया। इससे बाजार जाने वाले मार्ग में लोग फंस गए। दोनो ओर वाहनों की लंबी लाइनें लग गई। खबर लिखे जाने तक देर रात सीओ सिटी विनोद सिंह व नगर मजिस्ट्रेट ने पहुंचकर जाम खुलवाने के लिए समझाने-बुझाने का प्रयास किया। लोगों ने अधाधुंध कटौती बंद कर रोस्टर के हिसाब से करने की मांग की है। सपा को उपचुनाव में बढ़त मिलने के बाद भी मंडल मुख्यालय में बिजली संकट नहीं दूर हो पा रहा है। लोगों में बिजली के कुप्रबंधन पूर्ण आपूर्ति को लेकर आक्रोश व्यक्त हो रहा है। शुक्रवार सुबह 2 से 4 व 6 से 8 तक कटौती के बाद 9 से 11 बजे तक इसके बाद अपरान्ह 2 से 4 बजे तक बिजली गुल रही। इसके पूर्व बीते दिवस गुरुवार को रात 8 से 12 बजे तक की बिजली कटौती की गई है। गांवों में स्थिति और दयनीय है। कुल मिलाकर दिन में 8 घंटे व रात में 7 घंटे ही बिजली रहती है। रोज सुबह उठते ही पानी के लिए मारामारी तो रात में चैन की नींद लेना भी दुश्वार हो चुका है। वहीं मच्छरों के प्रकोप को देखकर मौसमी बीमारियों की चिंता भी लोगों को खाई जा रही है। लोग रात्रि की कटौती से निजात पाने के लिए बराबर मांग कर रहे हैं। जिसे जिला प्रशासन अनसुनी कर रहा है।

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