'हेरा-फेरी की तो भुगतेंगे प्रत्याशी'
बांदा, जागरण संवाददाता : लोकसभा चुनाव में आयोग की नजर में ज्यादातर गांव-देहात क्षेत्र हैं क्यों कि प्रत्याशी व उसके समर्थक प्रचार-प्रसार पर ग्रामीण इलाकों को ही तरजीह दे रहे हैं। ऐसे में आयोग ग्रामीण इलाकों में होने वाले खर्च पर खास निगरानी कर रहा है। जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से टीमें गठित कर गांव-गांव तक पैनी नजर रखी जा रही है।
सोशल मीडिया में आयोग की सख्ती के बाद अब प्रत्याशी व उनके समर्थकों ने एक बार फिर गांव-गांव की पगडंडी पर चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। ऐसी स्थित में आयोग ने भी ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग टीमें गठित कर आंखें जमा ली हैं। अब प्रत्याशी व उनके समर्थक आयोग के कैमरे की नजर से नहीं बच पाएंगे। सूत्रों की माने तो प्रत्याशियों ने गांव-गांव जाकर वोट लेने के लिए नोट और दारू की तरकीब शुरू कर दी है जिसकी भनक मिलने पर व्यय पर्यवेक्षक ने सख्ती शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक कोई ऐसी जानकारी आयोग के हाथ नही लगी है। फिर भी टीमें चुपचाप प्रत्याशियों के काफिले व गांव की ओर जाने वाली गाड़ियों में लगातार निगाह जमाए हुए हैं। मीडिया प्रभारी वैभव मिश्रा ने बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रत्याशियों व उनके समर्थकों की हर नजर पर आयोग निगाह रखे हैं। यदि कोई कोई शिकायत मिली या कैमरे की नजर में आएगी तो तत्काल कार्रवाई भी की जाएगी।