विश्व विरासत दिवस : मद्धिम हो चली चिट्ठी से पैगामों की परंपरा
By Edited By: Published: Fri, 18 Apr 2014 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 18 Apr 2014 01:01 AM (IST)
बांदा, जागरण संवाददाता : विरासत के तौर पर लोगों को तमाम ऐसी परंपराएं मिल जाती हैं जो काफी समय गुजरने के बाद भी नाता जोड़े रहती है। पुराने समय से चली आ रही चिट्ठी परंपरा अपना वजूद गंवाने की कगार पर है। एक दौर था जब दूरदराज से आई चिट्ठियों में दर्ज संदेशों को पूरा परिवार पढ़ता था। आधुनिक संचार के साधनों ने इस पुरानी परंपरा को बहुत पीछे छोड़ दिया। चिट्ठी के जरिए पैगाम भेजने की परंपरा थम सी गई है। मोबाइल और टेलीफोनों का चलन बढ़ गया। आधुनिक संचार साधनों के जरिए अपनों की खैर ख्वाहिश जाने लेने वाले अब चिट्ठियां लिखने को समय की बर्बादी ही मानते हैं।
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