Move to Jagran APP

गांव में बिखेर रहे शिक्षा की रोशनी

बलरामपुर : शिवपुरा शिक्षा क्षेत्र में स्थित प्राथमिक रामगढ़ मैटहवा ब्लॉक के अच्छे स्कूलों में से एक

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Feb 2017 11:57 PM (IST)Updated: Sat, 25 Feb 2017 11:57 PM (IST)
गांव में बिखेर रहे शिक्षा की रोशनी
गांव में बिखेर रहे शिक्षा की रोशनी

बलरामपुर : शिवपुरा शिक्षा क्षेत्र में स्थित प्राथमिक रामगढ़ मैटहवा ब्लॉक के अच्छे स्कूलों में से एक है। विद्यालय के एक से पांचवीं तक के कक्षाओं में शिक्षक बच्चों को नियमित पढ़ाने के साथ उन्हें खेलकूद सहित अन्य क्षेत्रों में भी तैयार कर रहे हैं। जबकि पहले गांव के बच्चों को अभिभावक स्कूल की जगह खेत में काम करने भेजते थे।

prime article banner

शिवपुरा शिक्षा क्षेत्र जंगलवर्ती इलाका होने से पढ़ाई के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ है। यहां अभिभावकों के अशिक्षित होने से बच्चे स्कूल से दूर ही रह जाते हैं। उन्हें पढ़ने का अवसर ही नहीं मिलता है। प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रवीन तिवारी की तैनाती से पूर्व क्षेत्र के रामगढ़ मैटहवा गांव का हाल भी कुछ ऐसा ही था। यहां भी लोग अपने बच्चों को स्कूल खेत में काम करने भेजने को अच्छा समझते थे। 14 नवंबर 2015 को प्रवीन कुमार तिवारी की तैनाती इस विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर हुई। वहां उन्होंने देखा कि बच्चे स्कूल में नाम लिखाकर घर बैठ जाते हैं। उससे परिजन खेती-किसानी का काम करते हैं। ऐसे में प्रवीन ने पहले अभिभावकों को पढ़ा लिखा होने का महत्व समझाया। बाद में उन्हें बच्चों को पढ़ा लिखाकर आगे बढ़ाने के सलाह दी। इससे लोगों में शिक्षा के प्रति जागरुकता आई और उन्होंने बच्चों को पढ़ाने की पहल शुरू कर दी। नतीजन अब प्रतिवर्ष स्कूल में बच्चों का नामांकन बढ़ता जा रहा है। चालू शैक्षिक सत्र में यहां कुल 123 बच्चे नामांकित हैं। इसमें से औसतन 90-95 बच्चे प्रतिदिन पढ़ने आते हैं। बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रवीन कुमार ने स्कूल को आकर्षक ढंग से बनाया है। जिससे कक्षा एक व दो के बच्चे प्राथमिक बातें स्कूल के रंग बिरंगी दीवारों से ही सीख लें।

-------------

- दो वर्गो में होती है पढ़ाई

प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ मैटहवा में नामांकित बच्चों को दो श्रेणियों में पढ़ाया जाता है। पहली श्रेणी में प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रवीन कुमार तिवारी कक्षा तीन, चार व पांच के बच्चों को स्वयं पढ़ाते हैं। जबकि कक्षा एक व दो के छोटे बच्चों को शिक्षामित्र चंद्रावती शब्द ज्ञान सिखाती हैं। माध्याह्न भोजन के ठीक पहले वाली क्लास में शिक्षक बच्चों के सामान्य ज्ञान, खेल कूद, देश विदेश आदि की जानकारी देते है। जबकि दिन की अंतिम दो कक्षाओं में अध्यापक बच्चों को उनके मन का खेल खिलाते हैं। जिससे बच्चों में अंतिम समय तक रूकने की ललक बनी रहे।

-----------

- खेती किसानी व सामाजिक क्रियाओं का भी मिलता है ज्ञान

प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ मैटहवा में शिक्षक बच्चों को पढ़ाई के साथ खेत में काम करने का तरीका, फसलों के बीए जाने का समय, बीज से पौध व फल बनने का पूरा तरीका, सामाजिक क्रिया कलाप व अलग-अलग प्रकार के लोगों द्वारा किए जाने वाले कार्य आदि की जानकारी भी देते हैं। जिससे बच्चे इन बातों को समझ सकें। इंचार्ज प्रधानाध्यापक प्रवीन कुमार ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई जाने वाली बातों को अपने आसपास घटित होता देख बच्चे स्कूल हो भी घर जैसा ही समझते हैं और उनके में सीखने की क्षमता का विकास भी होता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.