बलरामपुर में एंबुलेंस न मिलने पर जेसीबी से ले गए शव
करंट से मृत बिहार के मजदूर सूरज का शव कोई और सहारा न मिलने पर साथी जेसीबी के डोंगा में रखकर उस स्थल ले आए जहां कार्य के लिए वह डेरा जमाए हुए हैं।
बलरामपुर [रामशकल यादव] । अस्पताल से एंबुलेंस न मिलने पर कंधे पर अपनी पत्नी का शव रखकर 10 किलोमीटर पैदल चलने वाले दाना मांझी की तस्वीर भले ही देश-दुनिया को झकझोर रही हो, लेकिन अब भी इससे सबक लेने को लोग तैयार नहीं है। इंसानियत को आईना दिखाने वाली एक ऐसी ही तस्वीर रेहरा बाजार विकास खंड के मुन्नामाफी के चालीसो बगिया से सामने आई है, जिसमें करंट से मृत बिहार के मजदूर सूरज का शव कोई और सहारा न मिलने पर साथी जेसीबी के डोंगा में रखकर उस स्थल ले आए जहां कार्य के लिए वह डेरा जमाए हुए हैं। प्रकरण सोमवार का है।
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बिहार प्रांत के वैशाली जिले के भगवानपुर थानांतर्गत किरतपुर निवासी 22 वर्षीय सूरज पुत्र प्रकाश अपने कुछ साथियों के साथ रोजी-रोटी के लिए आया था। सादुल्लाहनगर-मुन्नामाफी मार्ग पर सड़क का निर्माण चल रहा है। यहीं अन्य मजदूरों के साथ वह भी काम कर रहा था। यहीं बिजली तार की चपेट में आकर वह मूर्छित हो गया। साथी मजदूर व ठेकेदार के मुंशी ने उसे सादुल्लाहनगर में एक निजी अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद ठेकेदार का मुंशी भी भाग गया।
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बिहार के रहने वाले साथी मजदूर मंजय, बिजली, शंभू, किशन, रंजीत, चंदर, राजेश, दिनेश व नरेश कोई और व्यवस्था न होने से परेशान होकर सूरज का शव जेसीबी मशीन के डोंगे में रखा और कार्य स्थल के पास चौबीसो बगिया ले आए, जहां वह रहते थे। ऐसा वाकया तमाम लोगों के सामने से गुजरा पर किसी ने रोका तक नहीं। इतना ही नहीं साथी मजदूर परिवारीजन की प्रतीक्षा में शव रखकर इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद भी इलाके पुलिस इससे बेखबर है।
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पुलिस को सूचना का इंतजार
सादुल्लाहनगर थाना क्षेत्र में यह हादसा होने के बाद प्रभारी निरीक्षक एसके राय को सूचना का इंतजार है। वह कहते हैं कि कोई आएगा तभी हम आगे की कार्रवाई करेंगे। शव रखने की बात से भी वह बेफिक्र दिखे।