होम्योपैथी इलाज के प्रति दूर करनी होगी भ्रांतियां
बलरामपुर : मास्को में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार 25वीं कांग्रेस ऑफ एशियन होम्योपैथी मेडिकल लिग्यू
बलरामपुर : मास्को में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार 25वीं कांग्रेस ऑफ एशियन होम्योपैथी मेडिकल लिग्यू में शरीर के एक बाल से इलाज पर शोधपत्र प्रस्तुत कर लौटे शहर के चिकित्सक डॉ. रवि सिंह ने कहा कि होम्योपैथी से इलाज के प्रति जो भ्रांतियां हैं उसे दूर करने की जरूरत है। मीडिया से मुखातिब डॉ. रवि ने यह धारणा है कि होम्योपैथी की दवा धीरे-धीरे काम करती है। इसमें बहुत परहेज करना पड़ता है, दवा पहले रोग को बढ़ाकर घटाती है, प्याज लहसुन या हाथ से छूने से खराब हो जाती है आदि-आदि। कहा कि इस पद्धति से इलाज में ऐसा कुछ भी नहीं है। दवा पूरी तरह और असरदार रूप से काम करती है। अपने शोध पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शरीर के एक बाल से इलाज संभव है। कहा कि इस विधि से आपके शरीर से एक बाल लिया जाएगा और चुनी हुई होम्योपैथी में लगाकर इलाज किया जाएगा। कहा कि बाल द्वारा इलाज की इस पद्धति की खोज पटना के डॉ. बी साहनी ने 1967 में की थी जिसे साहनी इफेक्ट कहते हैं। रोगी का एक बाल लेकर रोग के लक्षणों के अनुसार दूर बैठे रोगी का इलाज किया जाता है। इस पद्धति से देश विदेश में सैकड़ों चिकित्सक इलाज करके लाखों रोगियों को लाभ पहुंचा चुके हैं। डॉ. रवि द्वारा इस पद्धति से लाभान्वित कई रोगियों की प्रामाणिक रिपोर्ट्स भी प्रस्तुत की गई। जिसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर सराहा गया। उन्होंने बताया कि गत दिनों आयोजित इस सम्मेलन में कई देशों के चिकित्सकों ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए। इसमें पटना के डॉ. एमके साहनी, नई दिल्ली के डॉ. एके सेठ, डॉ. एके गुप्ता, भोपाल के डॉ. खान , उदयपुर के डॉ. अमिय गोस्वामी, बंगलुरू के डॉ. एसके तिवारी, कोलकाता के डॉ. तपस ने भी अपने- अपने शोधपत्र पढ़े।