परीक्षा पास किए बिना नहीं कर पाएंगे वकालत
बलरामपुर : ऑल इंडिया बार काउंसिल ने 2010 के बाद पंजीकृत अधिवक्ताओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। ऐसे
बलरामपुर : ऑल इंडिया बार काउंसिल ने 2010 के बाद पंजीकृत अधिवक्ताओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। ऐसे अधिवक्ता ऑल इंडिया बार काउंसिल परीक्षा बगैर उत्तीर्ण के विधि व्यवसाय नहीं कर पाएंगे। उन्हें मताधिकार का अधिकार भी नहीं होगा। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल सदस्य श्रीनाथ त्रिपाठी के अनुसार जुलाई 2010 के बाद पंजीकृत वकीलों को ऑनलाइन घोषणा पत्र भरना होगा। इसमें उन्हें बताना होगा कि पंजीकरण के दो वर्ष बाद ऑल इंडिया बार काउंसिल परीक्षा उत्तीर्ण की या नहीं। अगर नहीं की है तो फार्म के प्रस्तर 10 में इसका कारण स्पष्ट करना होगा। जिन्होंने परीक्षा नहीं दी, उन्हें भी घोषणा पत्र में कारण बताना होगा।
फार्म केवल ऑनलाइन भरे जाएंगे। फार्म भरने के बाद उसका प्रिंट आउट निकालकर उस पर संबंधित बार संघ के अध्यक्ष या मंत्री के हस्ताक्षर कराकर मुहर लगवानी होगी और फार्म बार कौसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को रजिस्टर्ड डाक से भेजे जाएंगे। ऑनलाइन फार्म बार कौंसिल आफ उत्तर प्रदेश की वेबसाइड डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटयूपीबारकौंसिलडॉटकॉम पर उपलब्ध है। फार्म भरने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर निर्धारित की गई है। जिला बार संघ अध्यक्ष सत्यदेव तिवारी के अनुसार अधिवक्ता फार्म सावधानी पूर्वक भरें। प्रिंट आउट निकालने से पूर्व उसमें संशोधन किया जा सकता है, लेकिन प्रिंट आउट के बाद संशोधन का अधिकार केवल बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के पास होगा। सिविल बार संघ अध्यक्ष श्रवण कुमार श्रीवास्तव, महामंत्री कमलेश्वर सिंह ने वर्ष 2010 के बाद पंजीकृत अधिवक्ताओं से जो पात्रता परीक्षा नहीं पास हैं। उनसे अपील किया है कि वे 30 अक्टूबर से पूर्व फार्म भरकर भेज दें।