सात करोड़ खर्च का हिसाब नहीं दे पा रहीं ग्राम पंचायतें
बलरामपुर :गांव के विकास का दंभ करने वाले ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि खर्च के हिसाब देन
बलरामपुर :गांव के विकास का दंभ करने वाले ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि खर्च के हिसाब देने में आनाकानी कर रहे हैं। 13वें व 14वें राज्य वित्त का सात करोड़ रुपये कहां खर्च कर दिए इसका उपभोग प्रमाण पत्र नहीं दे रहे है। उपभोग प्रमाण पत्र न मिलने के कारण अगली किस्त गांवों को नहीं भेजी जा रही है। अभी भी 27 करोड़ रुपये खजाने में रखा है।
गांवों में खड़ंजा, पुलिया, पंचायत भवन, मरम्मत, बाउंड्रीवाल, मिट्टी पटाई आदि कार्यो के लिए 13वें व 14वें वित्त आयोग से धनराशि दी जाती है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में चार किश्तों में धनराशि भेजी गई। इनमें नौ विकास खंड के लिए सात करोड़ 25 लाख 47 हजार रुपये भेजे गए। क्षेत्र पंचायत के लिए चार करोड़ 25 लाख रुपये दिए गए। इस धनराशि से गांवों में विकास कार्य कराए गए लेकिन उपभोग प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायतों को चार किश्तों में धनराशि भेजी गई थी। काफी दबाव बनाया गया तो एडीओ पंचायत के स्तर से एक उपभोग प्रमाण पत्र दिया गया। बाकी की धनराशि से किस गांव में कितना कार्य कराया गया। इसका लेखा जोखा बताने में जिम्मेदार आनाकानी कर रहे है।
-उपभोग प्रमाण पत्र मिलने पर ही जारी होगी राशि
चालू वित्तीय वर्ष में 13वें व 14वें राज्य वित्त आयोग में ग्राम पंचायत के लिए 22 करोड़ और क्षेत्र पंचायत के लिए पांच करोड़ रुपये मिले हैं। यह धनराशि सरकारी खजाना में सुरक्षित है। पिछले वर्ष खर्च का उपभोग प्रमाण पत्र न देने के कारण धनराशि ग्राम व क्षेत्र पंचायतों को नहीं दिया जा रहा है। धनराशि होने के बाद भी ग्राम व क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधियों एवं जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण विकास कार्य नहीं गति पकड़ पा रही है।
जिलाधिकारी के निर्देशानुसार सभी खंड विकास अधिकारियों से व्यय धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र मांगा गया है। इसके लिए समय तय कर दिया गया है। निर्धारित समय में उपभोग प्रमाण पत्र न देने वालों को सूचना उच्चाधिकारियों को दी जाएगी। बिना उपभोग प्रमाण पत्र धनराशि नहीं भेजी जाएगी।
-यादवेंद्र सिंह
जिला पंचायत राज अधिकारी