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बच्चों की लाइब्रेरी से बिखेर रहे शिक्षा की रोशनी

बलरामपुर : बेसिक शिक्षा विभाग में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत शिक्षक आलोक पाठक पचपेड़वा क्षेत्र मे

By Edited By: Published: Mon, 08 Feb 2016 11:58 PM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2016 11:58 PM (IST)
बच्चों की लाइब्रेरी से बिखेर रहे शिक्षा की रोशनी

बलरामपुर : बेसिक शिक्षा विभाग में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत शिक्षक आलोक पाठक पचपेड़वा क्षेत्र में शिक्षा की रोशनी कुछ अलग ढंग से बिखेर रहे हैं। उन्होंने प्राथमिक स्तर पर बच्चों को शैक्षिक रूप से मजबूत करने के लिए बलरामपुर लाइब्रेरी मिशन (बीएलएम) नाम की विशेष मुहिम शुरु की है। जिसमें वह न्यायपंचायत स्तर पर स्कूल में लाइब्रेरी तैयार की जाती है। जिससे बच्चों को पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल मिलने के साथ-साथ बड़ी संख्या में किताबें भी निश्शुल्क मुहैया कराई जाती हैं। बेसिक शिक्षा विभाग से लेकर देश-विदेश, इतिहास, शब्द ज्ञान, कहानी, योग, चित्र कला, संख्यात्मक, व्याकरण व पौराणिक किताबें भी इस पुस्तकालय में पढ़ने को मिलती हैं। साथ ही शिक्षक द्वारा लाइब्रेरी को इस आकर्षक ढंग से तैयार किया जाता है कि प्राथमिक स्तर के बच्चे उस ओर अपने आप खिंचे चले आते हैं। रंग-बिरंगा कमरा व अच्छे चमकीले पन्नों वाली किताबों को पढ़ने के लिए बच्चे इसमें स्वयं रूचि लेने लगते हैं। जिससे उनमें पढ़ने की आदत विकसित होने लगती है। बाद में यही रुचि उनमें पढ़ने की क्षमता का विकास करती है। इसके अलावा आलोक द्वारा लाइब्रेरी में लर्निग कार्नर भी तैयार किया जाता है। शिक्षक ने सबसे पहले इस मुहिम को अपने ही विद्यालय प्राथमिक विद्यालय मनिकापुर में शुरु की थी। जिसका उन्हें सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला और उनकी क्लास का सबसे कमजोर छात्र भी होनहार बन गया। आज इस लाइब्रेरी में एक हजार से अधिक किताबें हैं। जिसका स्कूल के साथ-साथ आसपास के गांवों के बच्चे भी लाभ ले रहे हैं। आलोक का मानना है कि जिले में कई ऐसे परिवार हैं जो अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए किताबें तक नहीं खरीद पाते हैं। इस लाइब्रेरी की स्थापना का उद्देश्य बच्चों को एक स्थान पर किताबें उपलब्ध कराना है। कहा कि परिषदीय स्कूल के बच्चों की सबसे बड़ी कमी उनमें बौद्धिक स्तर की असमानता है। कहा कि बच्चे कक्षा पास करके आगे तो बढ़ते जाते हैं लेकिन उनमें शैक्षिक गुणवत्ता नहीं आती है। ऐसे में यह लाइब्रेरी उनके लिए सहयोगी साबित होगी। इसमें बच्चों को अपने बौद्धिक स्तर की किताबें पढ़ने की खुली आजादी होगी। बच्चे के किताबों के संपर्क में आएंगे तो उनमें किताबों के प्रति बैठा डर समाप्त हो जाएगा। आलोक का प्रयास है कि पहले चरण में पचपेड़वा क्षेत्र की दस न्याय पंचायतों में इस लाइब्रेरी को शुरू किया जा सके। इसमें से अब क्षेत्र के मनोहरापुर न्यायपंचायत के प्राथमिक विद्यालय बरगदवा सैफ एवं प्राथमिक विद्यालय सुखरामपुर में लाइब्रेरी शुरु कराए जाने की तैयारी है।

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किताबें मांग कर बनाई लाइब्रेरी

आलोक ने इस लाइब्रेरी की स्थापना लोगों से किताबें मांग कर की है। जिसमें उन्होंने स्कूल में पढ़ने वाले पुराने बच्चों से बेसिक की एवं अपने दोस्त व अन्य परिचितों से पुस्तकें मांग कर किताबें इकट्ठा की है। उनका कहना है कि लाइब्रेरी की स्थापना में मैं लोगों से यही सहयोग चाहता हूं कि बच्चों के पढ़ने वाली किताबें खुले मन से दान करें। जिससे लाइब्रेरी में किताबों की संख्या बढ़ाई जा सके।


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