Move to Jagran APP

गैंसड़ी में तैयार होती दिखी 2017 की जमीन

बलरामपुर : नेपाल देश की सीमा से सटे गैंसड़ी में रविवार को ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान जो नजारा दिखा

By Edited By: Published: Mon, 08 Feb 2016 12:11 AM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2016 12:11 AM (IST)
गैंसड़ी में तैयार होती दिखी 2017 की जमीन

बलरामपुर : नेपाल देश की सीमा से सटे गैंसड़ी में रविवार को ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान जो नजारा दिखा उससे वर्तमान के साथ भविष्य की राजनीतिक जमीन भी तैयार होती दिखी। विशेषकर क्षेत्रीय विधायक व सूबे के जंतु उद्यान, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. एसपी यादव के लिए ब्लॉक प्रमुख पद पर सावित्री जायसवाल की जीत जहां संजीवनी के समान है, वहीं विपक्ष विशेषकर युवा समाजसेवी डॉ. अनुराग यादव की मजबूती दावेदारी से राजनीतिक दिग्गजों के माथे पर पसीना ला दिया है। इस विधानसभा क्षेत्र में दो ब्लॉक हैं। पचपेड़वा में सपा समर्थित प्रत्याशी ने निर्विरोध जीत दर्ज की, लेकिन गैंसड़ी में अनुराग ने अपने भाई डॉ. शिशिर यादव को ला खड़ा किया। सपा ने घोषित प्रत्याशी बदला और भगवा खेमे से आए श्याम जायसवाल की पत्‍‌नी सावित्री जायसवाल को प्रत्याशी बना दिया। इसके बाद यह चुनाव राज्यमंत्री की प्रतिष्ठा से जुड़ गया। कारण था कि जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव में राज्यमंत्री की धर्मपत्‍‌नी, पुत्र व पुत्रवधू को पराजित कर सुर्खियों में आए अनुराग उनके लिए मजबूत राजनीतिक चुनौती बनकर उभरे थे। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भी सपा ने इस युवा समाजसेवी का पराक्रम देखा था। प्रमुख पद पर डॉ. शिशिर यादव खुद मैदान में उतरे, वह अनुराग के भाई हैं। इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सत्ता पक्ष की ओर से हर हथकंडे अपनाए गए। एक-एक कर अनुराग व उनके समर्थकों के खिलाफ कई मुकदमें दर्ज कराए गए। प्रमुख प्रत्याशी शिशिर यादव के खिलाफ दो अपहरण के मुकदमें दर्ज हुए। योजना थी कि नामांकन न होने पाए। किसी तरह नामांकन हो गया तो चुनाव के दौरान भी सदस्यों की छीनाझपटी का नंगा नाच खुलेआम गैंसड़ी की सड़कों पर दिखा। सत्ताधारी बेलगाम हो तांडव मचाए और जिम्मेदार तमाशबीन बने रहे। इन सबके बीच भी अनुराग खेमे ने हार नहीं मानी और मतदान में भाग लिया। पूरा का पूरा 124 मत पड़ा। वोटों की गिनती में जीत सपा की हुई। 17 वोटों से पराजय की माला शिशिर ने पहनी, लेकिन असल लड़ाई में यहां राज्यमंत्री पिछड़ते दिखे। कारण था कि ब्लॉक को जोड़ने वाली मुख्य सड़क के दो छोरों पर जमी गांव-देहात से आई भीड़ यह बयां करती दिख रही थी कि जनता की अदालत में जीत के असली हकदार अनुराग ही हैं। ऐसे में 2017 के चुनाव में इस चुनौती से पार पाना राज्यमंत्री के लिए फिलहाल आसान नहीं रहा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.