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सरकारी धान क्रय केंद्र से किसान पररेशान

बलरामपुर : किसानों से धान की खरीद के लिए जिले में संचालित दस धान क्रय केंद्रों पर धान की खरीद महज का

By Edited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 11:48 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 11:48 PM (IST)
सरकारी धान क्रय केंद्र से किसान पररेशान

बलरामपुर : किसानों से धान की खरीद के लिए जिले में संचालित दस धान क्रय केंद्रों पर धान की खरीद महज कागजों में ही हो रही है। किसानों की मानें तो बलरामपुर मंडी समिति को छोड़कर जिले के किसी भी अन्य क्रय केंद्र पर धान की खरीद नहीं हो रही है। मंडी समिति में तौल के लिए एक ही कांटा होने के चलते किसानों को धान की बिक्री के लिए घंटों परेशान होना पड़ता है। इन्हीं दिक्कतों के कारण अबतक महज 732.64 मीट्रिक टन धान की ही खरीदा की जा सकी है।

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धान खरीद के लिए बनाए गए धान क्रय केंद्र लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। केंद्र पर अनाज बेचने के लिए सबसे पहले किसानों को क्रय केंद्र पहुंचकर टोकन लेना पड़ता है। इसके बाद केंद्र के कर्मचारियों द्वारा बताए गए दिन पर किसान धान लेकर क्रय केंद्र पहुंचता है। यहां भी अपनी बारी के आने का इंतजार करना पड़ता है। एक दिन में सिर्फ 150 क्विंटल धान ही तौला जा सकता है। ऐसे में केंद्र पर अधिक धान लाने वाले किसान को कई दिन तक रूकना पड़ता है। ऐसे में लाइन में लगे अन्य किसानों पर वाहन से लाए गए वाहन का भाड़ा आदि भी अतिरिक्त देना पड़ता है। इन परेशानियों के चलते किसान धान क्रय केंद्रों पर आने से कतराने लगे हैं। किसान क्रय केंद्र पर होने वाली दिक्कतों से बचने के लिए व्यापारियों के हाथों धान बेच रहे हैं।

अबतक 732.86 एमटी धान की खरीद :

विभाग द्वारा धान क्रय केंद्रों पर एक नवंबर से 28 फरवरी तक 1410 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीद की जानी है। इस वर्ष विभाग द्वारा जिले में 24600 मीट्रिक टन धान की खरीद करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके सापेक्ष अबतक महज 732.86 एमटी धान की खरीद ही की जा सकी है।

मंडी समिति में सदर ब्लॉक के पंचायत चुनाव का मतगणना स्थल बनाया गया है। इससे किसानों की परेशानियां और बढ़ गई हैं। सदर एसडीएम इंद्रभूषण वर्मा ने शुक्रवार को मंडी समिति पहुंच कर क्रय केंद्र पर अपना धान बेचने आए किसानों से शीघ्र ही क्रय केंद्र खाली किए जाने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में मतगणना होने तक मंडी समिति में धान की खरीद भी प्रभावित रहेगी।

क्या कहते हैं किसान

- क्षेत्रीय किसान शीलू सिंह ने बताया कि अनाज बेचने के लिए बने केंद्र किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। अपना ही उपज बेचने के लिए पहले टोकन लेना पड़ता है। कई दिनों के बाद कही जाकर नंबर आता है। कहा कि इतनी परेशानी झेलने से तो इच्छा है कि खुले बाजार में व्यापारियों के हाथों बेच दें।

- उमंग प्रताप सिंह ने बताया कि धान क्रय केंद्र विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का शिकार होते जा रहे हैं। मंड़ी समिति परीक्षा केंद्र पर महज एक ही कांटा है ऐसे में एक किसान को अपनी उपज बेचने के लिए कई दिनों तक मंडी में ही रुकना पड़ता है।

- किसान मंटू सिंह ने का मानना है कि किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार को न्यायपंचायत स्तर पर क्रय केंद्रों खोले जाने चाहिए। जिससे किसान आसानी से केंद्र पर पहुंचकर अपनी उपज बेंच सकें।

- किसान नेता बृजेश विश्वकर्मा बताते हैं कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा क्षेत्रीय किसानों को भुगतना पड़ रहा है। क्रय केंद्रों पर धान खरीद के लिए पर्याप्त व्यवस्था न होने के चलते किसानों को अपनी उपज स्थानीय व्यापारियों को औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं।

क्रय केंद्रों पर धान खरीद की बराबर समीक्षा की जाती है। धान खरीद में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

शिवपूजन

अपर जिलाधिकारी


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