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स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की कवायद

बलरामपुर : जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की कवायद स्वास्थ्य महकमें द्वारा शुरू कर दी गई है

By Edited By: Published: Thu, 30 Jul 2015 11:24 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2015 11:24 PM (IST)
स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की कवायद

बलरामपुर : जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की कवायद स्वास्थ्य महकमें द्वारा शुरू कर दी गई है। जिला स्तरीय अस्पतालों में चिकित्सकों की संख्या बढ़ने के साथ ही दवाएं व अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। साथ ही चिकित्सक मरीजों को बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रयास करते भी दिख रहे हैं।

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बेहतर स्वास्थ्य सेवा की शुरूआत जिला मेमोरियल अस्पताल से ही की जा चुकी है। अस्पताल में 24 के सापेक्ष महज छह चिकित्सक तैनात हैं। उसके बाद भी अस्पताल में प्रतिदिन 200 से 250 मरीजों की ओपीडी की जाती है। अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड 24 घंटे चालू रहता है। मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल में एक्स-रे व पैथालाजी भी संचालित हैं जहां मरीजों को निश्शुल्क जाच व एक्स-रे की सुविधा दी जाती है। इसके अलावा अस्पताल में तैनात हड्डी रोग विशेषज्ञ द्वारा हड्डियों की बीमारी से संबधित मरीजों सरकारी दर पर सेवाएं मुहैया कराई जाती हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएचआइ जैदी का कहना है कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं। हमारा प्रयास है कि चिकित्सकों की कम संख्या एवं सीमित संसाधन में भी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने का है। कहा कि मरीजों को स्थिति को देखते हुए शासन से लगातार अस्पताल में एक सर्जन तैनात किए जाने की मांग की जा रही है। सर्जन मिलते ही अस्पताल में आपरेशन सहित बंद पड़ी कई अन्य सुविधाएं भी शुरू हो जाएंगी। कुछ ऐसा ही हाल नहरबालगंज स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय का भी है। यहां 28 की जगह तीन चिकित्सकों के द्वारा ही अस्पताल चलाया जा रहा है। अस्पताल में संविदा पर महिला एएनएम की तैनाती होते ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सत्यदेव भारती ने पहल करते हुए चिकित्सालय में महिलाओं की प्रसव इकाई भी अस्पताल में शुरू करा दी गई है। इससे ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को प्रसव के लिए अब महिला अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं। बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पातल में आयुष चिकित्सक की तैनाती भी की गई है। यहां भी मरीजों के लिए पर्याप्त मात्र में दवाएं उपलब्ध हैं। साथ ही एक्स-रे की सुविधा भी निश्शुल्क दी जाती है। सीएमएस बताते हैं कि चिकित्सकों की संख्या कम होने के चलते अपराह्न दो बजे ओपीडी बंद होने के बाद क्षेत्रीय मरीजों को प्राथमिक उपचार के लिए जिला अस्पताल जाना पड़ता है। कहा कि शासन को पत्र भेज कर और चिकित्सकों की मांग की है। यदि एक-दो चिकित्सक भी अस्पताल को मिलते हैं तो यहां इमरजेंसी भी शुरू करा दी जाएगी। इससे लोगों को अस्पताल में 24 घंटे इलाज मिल सके।

जिला अस्पताल पर व्यवस्था को बेहतर बनाने का अधिक जोर दिया गया है। सीएचसी व पीएचसी को भी और सुदृढ़ किया जा रहा है। व्यवस्था की मानीट¨रग कर और सुधार किया जा रहा है।

-डॉ. यूके वर्मा

मुख्य चिकित्सा अधिकारी


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