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नौनिहालों के हौसलों को लगेंगे 'पंख'

बलरामपुर : बुनियादी शिक्षा में गुणात्मक सुधार की कवायद में जुटा जिला बेसिक शिक्षा विभाग अब नौनिहालो

By Edited By: Published: Fri, 22 May 2015 11:53 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2015 11:53 PM (IST)
नौनिहालों के हौसलों को लगेंगे 'पंख'

बलरामपुर : बुनियादी शिक्षा में गुणात्मक सुधार की कवायद में जुटा जिला बेसिक शिक्षा विभाग अब नौनिहालों की प्रतिभा को भी निखारने की पहल कर रहा है। इसके लिए 'पंख' नामक पत्रिका का प्रकाशन कर उन बच्चों की प्रतिभा को कविता, गीत व कहानियों के माध्यम से लोगों के समक्ष रखने को तैयार है जिससे कि परिषदीय स्कूलों के प्रति लोगों का नजरिया बदले। इस अनूठी पहल शुरूआत देहात शिक्षा क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय खगईजोत से हुई है। विद्यालय परिवार ने निजी विद्यालयों की तर्ज पर पंख पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया है। इस पत्रिका में विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों की विभिन्न रचनाओं के साथ-साथ विद्यालय में शिक्षण कार्य कर रहे अध्यापकों के अनुभव, स्कूलों के संचालन में आने वाली परेशानियां, परिषदीय स्कूलों के प्रति लोगों के विचार व उसका बच्चों की शिक्षा पर प्रभाव, विद्यालय प्रबंधन समित के कार्य व जिम्मेदारियां, आसपास के लोगों का सहयोग सहित कई बिंदुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। प्रयास है कि इससे निजी स्कूलों के बाहरी वातावरण, स्कूल की चमचमाते भवनों आदि को देखकर परिषदीय स्कूलों के प्रति नकारात्मक विचार रखने वाले लोगों को स्कूल की वास्तविक स्थिति से परिचित कराया जा सके। विद्यालय द्वारा प्रकाशित कराई जा रही इस पत्रिका के प्रकाशन में स्कूल के शिक्षक, विद्यालय प्रबंधन समिति के पदाधिकारी, बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी, जिले के अन्य परिषदीय स्कूलों के शिक्षक सभी का पर्याप्त सहयोग रहा है।

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पंख नामक पत्रिका के संपादन का दायित्व निभाने वाले इसी स्कूल के शिक्षक डॉ. अखिलेश कुमार शुक्ल ने बताया कि पंख के प्रकाशित किए जाने की शुरूआत विद्यालय के एक छात्र द्वारा लिखी गई कहानी से हुई। जिसमें बच्चे ने अपनी तकलीफ को शब्दों में बयां किया है। कहा कि इस पत्रिका के प्रकाशन का मुख्य उद्देश्य परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों की प्रतिभा को पूरे समाज के लोगों के सामने लाना है। इस पत्रिका में स्कूल में पढ़ रहे बच्चों की रचनाओं के साथ-साथ जिले के अन्य परिषदीय स्कूलों में शिक्षण कार्य कर रहे शिक्षकों की रचनाएं भी हैं कि कैसे परिषदीय स्कूल के शिक्षक समाज के लोगों की उपेक्षा को दर किनार कर स्कूल में शिक्षण कार्य करते हैं।

परिषदीय स्कूल में पहली बार पत्रिका के प्रकाशन की शुरूआत की जा रही है। यह एक सराहनीय कदम है। पंख पत्रिका से न सिर्फ समाज में परिषदीय स्कूलों के प्रति फैली भ्रांतियां समाप्त होगी। बल्कि इन स्कूलों में छुपी प्रतिभाओं को पंख भी लगेंगे। जिससे वह समाज में फैली कुरुतियों को शिक्षा की उड़ान से दूर कर सकें।

- जय सिंह

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी


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