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पेड़ की छांव तो कहीं तिरपाल के नीचे हो रही पढ़ाई

बलरामपुर : विद्यालय खोलना कमाई जा जरिया बन गया है। जिला मुख्यालय से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में विद्या

By Edited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 11:53 PM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2015 11:53 PM (IST)
पेड़ की छांव तो कहीं तिरपाल के नीचे हो रही पढ़ाई

बलरामपुर : विद्यालय खोलना कमाई जा जरिया बन गया है। जिला मुख्यालय से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालय प्रबंधक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से आठवीं तक की मान्यता लेकर हाईस्कूल तक के विद्यालय संचालित कर रहे हैं। इतना ही नहीं इन स्कूलों में तैनात शिक्षकों की संख्या व उनकी शैक्षिक योग्यता का भी कोई निर्धारण नहीं है। परिणाम स्वरूप शिक्षक कम होने पर छात्र-छात्राएं ही अन्य बच्चों को पढ़ाती हैं। प्रस्तुत है बगैर मान्यता संचालित स्कूलों की पड़ताल करती रिपोर्ट-

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केस एक- भगवतीगंज- बिशुनापुर मार्ग पर गंगोत्री मेमोरियल पब्लिक स्कूल संचालित हो रहा है। पांचवीं की मान्यता प्राप्त इस विद्यालय में 100 से अधिक बच्चे नामांकित हैं, लेकिन इन बच्चों को पढ़ाने के लिए महज दो ही शिक्षक तैनात हैं। इसके चलते शनिवार को विद्यालय में पढ़ रहे बच्चे ही स्कूल में शिक्षक का कार्य करते नजर आए। विद्यालय के प्रधानाध्यापक लालाराम कुशवाहा ने बताया कि विद्यालय में पांच शिक्षक तैनात हैं, लेकिन तीन आज छुट्टी पर हैं।

केस दो - इसी मार्ग पर स्थित विरतिहा चौराहा (बुद्धनगर) पर स्थित मदरसा गुलशने रजा नाम से विद्यालय संचालित किया जा रहा है। इस विद्यालय को मदरसा बोर्ड द्वारा आठवीं तक स्कूल संचालन की मान्यता मिली हुई है, लेकिन विद्यालय में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल तक की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। विद्यालय की सभी कक्षाएं टीन शेड, पेड़ के नीचे या फिर तिरपाल के नीचें संचालित होती दिखीं। विद्यालय की चाहरदीवारी टीन की चद्दरों से बनाया गया है। विद्यालय में तैनात शिक्षक आलोक मिश्र ने बताया कि विद्यालय को आठवीं तक की मान्यता मिली हुई। स्कूल में पढ़ रहे हाईस्कूल के बच्चों का नामांकन गोंडा जिले के एक विद्यालय में कराया गया है। इसके अलावा मदरसे से मान्यता प्राप्त इस विद्यालय में उर्दू का कोई शिक्षक नहीं मिला।

केस तीन- इसी क्रम में चौराहे के निकट ही विकास शिक्षण संस्थान संचालित मिला। विद्यालय को आठवीं तक की मान्यता मिली हुई थी। स्कूल में आठवीं तक कक्षाएं संचालित की जा रही थी। स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए कंप्यूटर लैब भी बनाया गया था। प्रधानाचार्य विनय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि स्कूल में कुल 250 बच्चे नामांकित हैं जो स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

केस चार - इसी सड़क पर और आगे स्थित राधेश्याम नगर चौराहा पर राममिलन रामफल जूनियर हाईस्कूल संचालित किया जा रहा है। प्रात: नौ बजकर 45 मिनट पर स्कूल पहुंचने पर विद्याल में इंटरमीडिएट का छात्र बोर्ड पर बच्चों को पढ़ाते मिला। स्कूल के प्रधानाध्यापक राधेश्याम ने बताया कि वह शिक्षक नहीं हमारा भतीजा है विद्यालय में शिक्षकों के अनुपस्थित रहने पर कभी-कभी स्कूल आ जाता है।

मदरसा की मान्यता लेकर हाईस्कूल तक के स्कूलों का संचालन किया जाने की कोई जानकारी नहीं है। जिले में संचालित गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया गया है। इन स्कूलों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

जय सिंह

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी


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