परीक्षा से वंचित छात्रों का हंगामा, पुलिस ने भांजी लाठी
बलरामपुर : स्थानीय विमला विक्रम सिंह महाविद्यालय में परीक्षा देने से वंचित छात्रों ने जमकर हंगामा का
बलरामपुर : स्थानीय विमला विक्रम सिंह महाविद्यालय में परीक्षा देने से वंचित छात्रों ने जमकर हंगामा काटा। स्कूल गेट पर प्रदर्शन के बाद बौद्ध परिपथ पर जामकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का बल भी प्रयोग किया। इससे एक छात्र घायल हो गया। स्थिति और बिगड़ती इसके पूर्व एसडीएम तुलसीपुर केशवनाथ गुप्त व सीओ बालक राम भी मौके पर पहुंचे और महाविद्यालय प्रबंधन से वार्ता कर किसी तरह छात्रों को शांत कराया।
यह महाविद्यालय सपा नेता सलिल सिंह टीटू का है और वही इसके प्रबंधक हैं। क्षेत्र में एक मात्र महाविद्यालय होने के कारण यहां बड़ी संख्या में छात्रों का नामांकन होता है। इसमें आसपास के जिलों से भी छात्र शामिल होते हैं। वर्ष 2014-15 में बीएससी में 1925 छात्रों ने नामांकन कराया था। 26 मार्च से प्रथम प्रश्नपत्र के साथ परीक्षा की शुरूआत थी। विश्वविद्यालय से 1925 की जगह मात्र 406 छात्रों का ही प्रवेश पत्र निर्गत किया गया। गुरुवार को सुबह लगभग सात बजे जब छात्र बड़ी संख्या में परीक्षा देने महाविद्यालय पहुंचे तो देखा बाहर दीवार पर रोल नंबर चस्पा था। छात्र अपना रोल नंबर दिखाकर जब गेट के अंदर जाना चाहे तो विद्यालय प्रशासन ने यह कहकर अंदर जाने से मनाकर दिया कि जिसके पास प्रवेश पत्र नहीं है वह छात्र अंदर नहीं आ सकता है। इससे छात्र नाराज हो गए और गेट पर ही धरना-प्रदर्शन करने लगे। आरोप है कि सूचना पर पहुंची पुलिस छात्रों को भगाने के लिए लाठी से मारने लगी। इससे छात्र मैनुद्दीन पुत्र निजामुद्दीन के सिर पर चोट लग गई। उसे उपचार के लिए सीएचसी पचपेड़वा में भर्ती कराया गया। पुलिस की पिटाई से नाराज छात्रों ने बौद्ध परिपथ पर पहुंचकर जाम लगा दिया। आरोप है कि यहां भी पहुंची पुलिस ने छात्रों को तितर-बितर करने के लिए लाठी भांजी। छात्र अमित तिवारी, अभय सिंह, राजन, गौरव, विजय शंकर, आनंद प्रकाश, विवेक कुमार, निजामुद्दीन, सकील, शमीम, राजेश, सुनील कुमार, सुशील, अभिषेक श्रीवास्तव, विष्णु सोनकर व विजय प्रकाश सहित अन्य छात्रों ने कहा कि नामांकन के समय 4500, प्रयोगात्मक के लिए 21 सौ रुपये व फार्म का 200 रुपये महाविद्यालय ने लिया था। इसके बाद भी उनका कैरियर बर्बाद किया जा रहा है। आरोप लगाया कि जो छात्रों का रोल नंबर चस्पा किया गया है वह पूर्णतया फर्जी है। मामला बिगड़ा देख एसडीएम केशवनाथ गुप्त, सीओ बालकराम, थानाध्यक्ष अफसर परवेज के साथ महाविद्यालय में गए और प्रबंधन से लगभग एक घंटा पूछताछ किया। केंद्र व्यवस्थापक डॉ. अमरेंद्र सिंह ने बताया कि जो प्रवेश पत्र विश्वविद्यालय ने दिया उन छात्रों का परीक्षा चल रही है। वार्ता के बाद कार्यवाहक प्रचार्य नीरज कुमार सिंह ने छात्रों को लिखित रूप से दिया है कि जिन छात्रों का प्रवेश पत्र विश्वविद्यालय द्वारा निर्गत नहीं किया गया है। उनके संबंध में विमला विक्रम महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खंड पीठ लखनऊ में एक याचिका प्रबंधक बनाम डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद दायर की गई है। याचिका पर उच्च न्यायालय द्वारा 31 मार्च 2015 को सुनवाई होनी है। इसके पश्चात अग्रिम कार्रवाई की जाएगी एवं छूटी हुई परीक्षाएं कराई जाएंगी। इसी पत्र को एसडीएम व सीओ ने छात्रों को वितरण करते हुए परीक्षा कराने की बात कही। इसके बाद छात्र शांत हुए। इस बाबत प्रबंधक ने कहा है कि न्यायालय से निर्णय के बाद आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।