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बाल रूप से दिखने लगती है श्रीकृष्ण की लीला : सर्वेश महराज

बलरामपुर : अयोध्या से आए कथा वाचक संत सर्वेश जी महराज ने कहा कि भगवान की महिमा बड़ी निराली है। बाल रू

By Edited By: Published: Tue, 23 Dec 2014 01:12 AM (IST)Updated: Tue, 23 Dec 2014 01:12 AM (IST)
बाल रूप से दिखने लगती है श्रीकृष्ण की लीला : सर्वेश महराज

बलरामपुर : अयोध्या से आए कथा वाचक संत सर्वेश जी महराज ने कहा कि भगवान की महिमा बड़ी निराली है। बाल रूप से ही वह भक्तों के प्रेम के वशीभूत होकर दुष्टों का संहार शुरू कर देते हैं। सर्वेश महराज अस्पताल चौराहा पुरैनिया तालाब में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में भक्तों भगवान कृष्ण की लीला सुना रहे थे।

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उन्होंने कहा कि वासदुेव-देवकी की संतान के रूप में भले ही भगवान कृष्ण ने धरती पर कदम रखा, लेकिन उनका पालन-पोषण यशोदा ने किया। इसलिए कालांतर में यशोदा जी को ही लोग कृष्ण के पालनहारा मां के रूप में जाने। महराज ने कहा कि नंद जी के घर पहुंचने के बाद से भगवान ने अपनी लाल दिखानी शुरू कर दी और मामा कंस द्वारा भेजे गए एक-एक राक्षसों का वध करते गए। अंत में कंस का वध भी उन्हें करना पड़ा और अपने माता-पिता को भी उन्होंने आजाद कराया। धर्म की स्थापना के लिए महाभारत में भी भगवान ने अपनी लीला दिखाई और धर्म की स्थापना करने वालों का ही साथ दिखा। कथा के दौरान डॉ. धर्म दास गुप्ता के साथ बड़ी संख्या में श्रीमद्भागवत कथा सुनने के लिए श्रद्धालु मौजूद रहे।

-24 कुंडीय महायज्ञ में शामिल हुए श्रद्धालु

बलरामपुर : नगर के भगवती गंज में स्थित अवध राइस मिल में चल रहे समूह साधना संगीत प्रवचन व 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन गायत्री महायज्ञ व संगीत प्रवचन के कार्यक्रम हुए जिसमें भक्तों को गौ, गंगा, गीता, गायत्री व गुरू पर विशेष संदेश दिया गया। 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं। इस क्रम में सोमवार को गायत्री महायज्ञ व विभिन्न संस्कार भी कराए गए। इसके उपरांत प्रवचन का कार्यक्रम शुरू हुआ जिसमें गायत्री परिवार के लोगों ने भक्तों को गौ, गंगा, गीता, गायत्री व गुरू के महत्व को भी बताया। इस दौरान मिल परिसर में परमपूज्य श्रीराम शर्मा आचार्य के द्वारा लिखी गई पुस्तकों का मेला भी लगा रहा। अशोक कुमार जायसवाल ने बताया कि कार्यक्रम के अंतिम दिन मंगलवार को सामूहिक जप, ध्यान, प्रज्ञायोग, संस्कार पूर्णाहुति, प्रवचन व विराटदीप महायज्ञ, महासंकल्प व टोली विदाई कार्यक्रम कराए जाएगें।


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