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जिम्मेदारों की उदासीनता से धान बेचने को भटक रहे किसान

बलरामपुर : संबधित अधिकारियों की शिथिलता के चलते किसानों को सरकारी मूल्य समर्थन योजना का लाभ नहीं मिल

By Edited By: Published: Sun, 21 Dec 2014 12:40 AM (IST)Updated: Sun, 21 Dec 2014 12:40 AM (IST)
जिम्मेदारों की उदासीनता से धान बेचने को भटक रहे किसान

बलरामपुर : संबधित अधिकारियों की शिथिलता के चलते किसानों को सरकारी मूल्य समर्थन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। किसान अपने उपज को बिचौलियों के हाथ बेचने को विवश हैं। शासन की मंशा थी कि किसानों को उनके उपज का वाजिब मूल्य मिले। वाजिब मूल्य दिलाने की जिम्मेदारी पीसीएफ, यूपीएसएस खाद विपणन विभाग, खाद निगम तथा पंजीकृत सोसाइटियों को सौंपी गई है। धान खरीद के लिए संस्थाओं द्वारा 32 खरीद केंद्र खोले गए हैं। प्रदेश की एक बड़ी संस्था एफसीआई को इस बार खरीद से अलग रखा गया है। खाद विभाग ने एक क्रय केंद्र खोला था, जो बंद हो गया। यहां के केंद्र प्रभारी अवकाश पर है। अधिकांश क्रय केंद्रों पर खरीद की जिम्मेदारी युपीएसएस को दी गई है। सभी संस्थाओं को मिलाकर 28 हजार एमटी धान की खरीद किया जाना है। जिसके सापेक्ष पीसीएफ ने 268.20 एमटी, यूपीएसएस द्वारा 1308.40 एमटी व पंजीकृत सोसायटियों ने 726.80 एमटी, खाद विपणन विभाग ने 21.08 एमटी की खरीदारी किया है। 28 हजार एमटी के सापेक्ष अब तक 2319.20 एमटी खरीद किया जा चुका है। धान खरीद का कार्य 31 जनवरी 2015 तक किया जाना है। अतीउल्ला, फतेहबहादुर, गंगाराम, लीलाधर आदि किसानों का कहना है कि केंद्र प्रभारियों द्वारा धान का नमूना देखने के बाद भी खरीद नहीं कर रहे हैं। अतीउल्ला ने बताया कि पीसीएफ के केंद्र प्रभारी लगभग 24 प्रतिशत धान मे कटौती करने की बात बता रहे हैं। श्यामनरायन, श्यामकिशोर, ननकऊ आदि किसानों का कहना है कि लचर नीतियों व प्रशासन की उदासीनता के कारण किसान अपने उपज का वाजिब मूल्य नहीं पा रहे हैं। किसान गांव के व्यापारियों के हाथों नौ सौ रूपये से लेकर एक हजार रूपये में धान बेच रहा है। यूपीएसएस के क्षेत्रीय प्रबंधक अरुण निगम का कहना है कि धान की खरीद की जा रही है, जो लक्ष्य मिला है वह पूरा हो जाएगा।

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-छोटी मिलों को नहीं मिली कुटाई

शासनादेश के तहत दो टन प्रति घंटा कुटाई करने वाली मिलों को ही क्रय एजेंसियों से अटैच किया गया है। पूरे जनपद में दो टन क्षमता वाली तीन मिलें है जिसमें से एक मिल ने सरकारी धान कूटने से इंकार कर दिया है। इस बार छोटी मिलों को धान खरीद केंद्रो से संबंध नहीं किया गया है। जानकारों का कहना है कि छोटी मिलों को संबंध न किये जाने से धान प्रभावित हो रहा है।

धान खरीद के लिए सभी केंद्र प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। अच्छा धान ही खरीदने का निर्देश है। लक्ष्य पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने पाएगी।

-प्रभाकांत द्विवेदी

जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी


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