बाढ़ में मारे गए किसानों को मिलेगा पांच लाख : आलोक रंजन
बलरामपुर : बाढ़ से हुई क्षति का आकलन कर 30 अगस्त तक रिपोर्ट जिलों से मांगी गई है। बाढ़ से बचाव व राहत कार्य त्वरित गति से चल रहा है। आपदा में मारे गए किसानों को पांच लाख रुपये मिलेगा। यदि पोस्टमार्टम नहीं हुआ है तब भी किसानों को बीमा धनराशि दिलाई जाएगी। इस संबंध में बीमा कंपनी से वार्ता की गई है।
यह बातें हवाई सर्वेक्षण व राहत कार्यो की समीक्षा के पश्चात कलेक्ट्रेट में पत्रकारों से वार्ता में मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कही। कहा कि नेपाल के पानी से जिले के 236 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के पानी में 16 जाने गई हैं। इससे यह साबित होता है कि बाढ़ की त्रासदी यहां अधिक हुई है। बलरामपुर, तुलसीपुर तहसील अधिक प्रभावित है। कहा कि हवाई सर्वेक्षण में बाढ़ का जायजा लिया है। पानी कम हुआ है लेकिन गांव के आसपास अभी पानी जमा है। इसलिए राहत कार्य जारी रहेगा। लंच पैकेट के साथ-साथ कच्चा खाद्यान्न भी वितरित किया जा रहा है। राहत सामग्री वितरण में किसी प्रकार की कोताही अफसर न बरतें इसकी हिदायत दी गई है। कहा कि बाढ़ से सड़क, बांध, फसलें सभी को क्षति पहुंची है। धान व गन्ना दोनों फसलों का व्यापक नुकसान हुआ है। बाढ़ से क्षति का आकलन प्रत्येक दशा में 30 अगस्त तक मांगी गई है। जिलों की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र से राहत कार्य के लिए बजट की मांग की जाएगी। प्रदेश सरकार त्वरित राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव मद्द कर रही है। कहा कि जिन क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से अधिक फसलों का नुकसान हुआ है। उनको फसलों का मुआवजा दिया जाएगा। सिंचित क्षेत्र के किसानों को नौ हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तथा असिंचित क्षेत्र के किसानों को साढ़े चार हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के दर से मुआवजा दिया जाएगा। सिंचाई विभाग से बांधों के स्थाई मरम्मत के लिए प्राक्कलन मांगा गया है जिससे उनके प्रस्ताव को सप्लीमेंटरी बजट में शामिल कर स्थाई हल किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संक्रामक रोग न फैलने पाए इसके लिए प्रभावी कार्य शुरू करने का निर्देश दिए गए हैं। क्लोरिनेशन का कार्य तेजी से चल रहा है। केसीसी धारक किसानों को फसल की क्षति का मुआवजा बीमा कंपनियां देगी। एक सवाल के जवाब में कहा कि आपदा में मारे गए कृषकों जिनका पोस्टमार्टम नहीं हो सका है। उनके परिवारीजनों को किसान बीमा की धनराशि दिलाने के लिए शासन स्तर पर नियमों को सरल किया जाएगा। राहत सहायता में पारदर्शिता के लिए एक टीम गठित की जाएगी। साथ ही उसका सत्यापन कराया जाएगा। जनप्रतिनिधियों व आमजन को भी इससे शामिल किया जाएगा। जिससे गड़बड़ी न होने पाए। वार्ता के समय प्रमुख सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त किशन सिंह अटोरिया, स्टॉक अफसर सीबी पालीवाल, आयुक्त देवीपाटन मंडल आरपी अरोड़ा, डीएम मुकेश चंद्र व एसपी बीडी शुक्ल मौजूद रहे।