चीनी मिलों ने जड़ा ताला, मजदूरों को दी छुट्टी
बलरामपुर : किसानों का गन्ना मूल्य बकाया भुगतान न करने पर प्रशासन की ओर से बन रहे दबाव के बीच जिले कीतीनों चीनी मिलों द्वारा बंदी की घोषणा कर दी गई है। साथ ही कार्यरत श्रमिकों को छुट्टी दे दी गई है। इससे जिले के हजारों श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। साथ ही चीनी मिल प्रबंधन ने अपने स्थाई कर्मचारियों को भी वापस घर भेज कर मिल पर ताला लगा दिया है। इन सभी बातों के लिए राष्ट्रीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने केंद्र व प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही सरकार से इन समस्याओं को निस्तारण करने बात भी कही है। रविवार को आयोजित बैठक में संघ के प्रदेश सचिव हरेंद्र सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश की मिलों द्वारा तालाबंदी किए जाने की घोषणा से एक तरफ हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं तो वही दूसरी तरफ लाखों किसानों के द्वारा की जा रही गन्ने की खेती के लिए भी खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार व मिल मालिकों के बीच चल रही खीच-तान का ही नतीजा है कि हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। प्रदेश सचिव ने बताया कि अपने देश में पर्याप्त चीनी होने के बाद भी विदेशों से चीनी का आयात कराया गया जिसके चलते भारतीय बाजारों में चीनी की दामों में गिरावट आ गई। इतना ही नहीं प्रदेश के लाखों किसान भी नकदी की फसल से महरूम हो गए हैं। उन्होंने प्रदेश व केंद्र सरकार से मांग की है कि सरकार मिल प्रबंध से चल रहे विवाद को समाप्त कर उच्च स्तरीय अधिकारियों ने वार्ता करें जिससे इस समस्या का निवारण किया जा सके। बैठक में तीरथ राम शुक्ल, राम प्रसाद मंगल प्रसाद, संजय तिवारी, शिवबक्स सिंह, के एल यादव, ए पी तिवारी सहित कई कर्मचारी उपस्थित रहे।