डेढ़ सौ से अधिक गांव बाढ़ से घिरे, तुलसीपुर तहसील का संपर्क कटा
बलरामपुर : नेपाल से पानी के रूप में आए सैलाब से राप्ती नदी व पहाड़ी नालों में लगातार उफान जारी है। मौजूदा समय में राप्ती खतरे के निशान (104.620 सेमी) से लगभग 83 सेंटीमीटर ऊपर 105.450 सेमी पर बह रही है। इतना जलस्तर 14 वर्ष पूर्व पहुंचा था। अभी भी राप्ती का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। डेढ़ सौ गांव व दो दर्जन से अधिक स्कूल बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग (बौद्ध परिपथ) पर बाढ़ का पानी आने से आवागमन ठप हो गया है। इससे तुलसीपुर तहसील पूरी तरह से जिला मुख्यालय से कट गया है। कई लोग बाढ़ में फंसे हैं, लेकिन उन तक मदद नहीं पहुंच पा रही है। बाढ़ ने बलरामपुर शहर को भी आगोश में ले लिया है। सिविल लाइन, तुलसीपार्क व पहलवारा मुहल्ले में जबरदस्त पानी है। पहलवारा में सूबे के जंतु उद्यान राज्यमंत्री डॉ. एसपी यादव के आवास में भी पानी भर गया है। बस स्टेशन व विद्युत कार्यालय में भी बाढ़ का पानी भरने से स्थिति और भी विषम होने लगी है।
बता दें कि पिछले दो दिनों में राप्ती समेत जिले के पहाड़ी नालों ने तटीय क्षेत्रों में जल प्रलय मचा रखा है। हरैय्या सतघरवा व तुलसीपुर ब्लॉक में पहाड़ी नालों में जबरदस्त उफान है। ललिया-बलरामपुर, ललिया-महराजगंज तराई मार्ग पर जलभराव के चलते आवागमन दूसरे दिन भी ठप रहा। रविवार को बौद्ध परिपथ (तुलसीपुर मार्ग) पर बेलहा डिप से निकल रहा पानी और बढ़ा तो नगर की सीमा तक पूरा बौद्ध परिपथ जलमग्न हो गया। सुरक्षा के दृष्टिकोण से यातायात बैरियर लगाकर ठप कर दिया गया। बाढ़ से धर्मपुर बिनहौनी, कटराशंकर नगर, पिपरा गांव, बलरामपुर देहात, बिजलीपुर, सिसई, गैंजहवा, छोटा धुसाह, मन्नीपुर टिकुइया, रंजीत पुर समेत कई गांव प्रभावित हैं। इतना ही नहीं बहराइच मार्ग पर बाढ़ का पानी बहने लगा है। इस मार्ग पर स्थित हरिहरगंज बाजार में ढाई से तीन फीट पानी भर गया है। नगर स्थित झारखंडी मंदिर भी बाढ़ की जद में है। नगर की सुरक्षा के लिए बने तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ने से स्थिति गंभीर हो सकती है।
उतरौला संवादसूत्र के अनुसार
नेपाल से छोड़े गए पानी के चलते राप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। आधा दर्जन गांवों में कटान होने के साथ तीन दर्जन से अधिक गांवों में नदी का पानी घुस गया है। पचपेड़वा तथा तुलसीपुर मार्ग पर जगह-जगह तेज जल प्रवाह होने के चलते आवागमन प्रभावित हो गया है। शुक्रवार रात दस बजे से बढ़ रहा जलस्तर रविवार तक जारी रहा। हजारों एकड़ धान तथा गन्ने की फसल पानी में डूबी है। लखमा, नंदमहरा, पचौथा, बभनपुरवा, अल्लीपुर खुर्दा, बरायल, खजुहा, बारम, तेंदुआ, बरैली, कटरा, सकरा, उपरहुला, मटियरिया कर्मा, मिलौली, बाघाजोत, मटियरियाडीह, कटरा, तिलहर, जनुका, फगुईया समेत दो दर्जन गांवों के खेत खलिहान तथा संपर्क मार्ग जलमग्न हो गए है। पचपेड़वा मार्ग पर कई जगह मुख्य सड़क पर तेज बहाव है। तुलसीपुर मार्ग पर खजुहा मोड़ से 100 किलोमीटर तक की सड़क पर तेज बहाव है। प्राथमिक पाठशाला पिपरा, बरैली, उपरहुला, बारम आदि में पानी भर गया है। एएनएम सेंटर बरैली में कमर तक पानी भर गया है। परसौना गांव की मुख्य सड़क तक कमर तक पानी है। नयाडीह, देवरिया अर्जुन गांव पानी से घिरे हुए हैं। बभनपुरवा गांव में नदी ने कब्रिस्तान को काट दिया है। रजईडीह में सुकई के घर से महज दो मीटर दूर नदी बहने लगी है। प्रशासन की ओर से फिलहाल आवागमन व्यवस्थित करने के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। ग्रामीण चिंताराम, ज्ञानदेव, हरिशंकर, कृष्णा प्रसाद, बालकराम, कैलाश नाथ आदि का कहना है कि नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। उपजिलाधिकारी इंद्रभूषण वर्मा ने बताया कि नदी के जलस्तर पर नजर रखी जा रह है, उतरौला में दो तथा हासिमपारा में एक बाढ़ चौकी स्थापित की गई है। किसी भी ग्राम प्रधान द्वारा अभी तक नाव की मांग नहीं की गई है, लेकिन प्रशासन स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए है।
तुलसीपुर संवादसूत्र के अनुसार
बेलहा डिप पर बाढ़ का पानी आने से समूचे तहसील क्षेत्र का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। बसों के पहिए जहां के तहां थम जाने से लोग यातायात व्यवस्था से महरूम हो गए है। भैंसहवा डिप पर भी करीब पांच फिट पानी बह रहा है। लौकहवा के आसपास की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।