Move to Jagran APP

बाल मैत्री पूर्ण स्कूल बनने से सरल होगा शिक्षण कार्य : शर्मा

By Edited By: Published: Thu, 14 Aug 2014 10:18 PM (IST)Updated: Thu, 14 Aug 2014 10:18 PM (IST)
बाल मैत्री पूर्ण स्कूल बनने से सरल होगा शिक्षण कार्य : शर्मा

बलरामपुर : स्कूल व बच्चे का विकास शिक्षक की पहली जिम्मेदारी होती है। जब अध्यापक अपने किसी छात्र को किसी प्रतिष्ठित पद पर देखता है तो उसका सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। यह बातें जिला विद्यालय निरीक्षक मनमोहन शर्मा ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में चल रही तीन दिवसीय बाल मैत्री स्कूलों के निर्माण कार्यशाला के समापन समारोह में कही। उन्होंने बताया कि बाल मैत्री पूर्ण स्कूलों के बनने से आप लोगों का कार्य और आसान हो जाएगा। जब बच्चा स्कूल आने के प्रति उत्सुक रहेगा तो उसके भीतर सीखने की क्षमता का विकास बेहतर तरीके से से होगा। जिसके चलते वह आसानी से कक्षा में पढ़ाए जा रहे पाठ को समझ सकेगा। इससे पूर्व कार्यशाला अंतिम दिन प्रशिक्षु शिक्षकों को प्रोजक्टर के माध्यम से प्रदेश में संचालित हो रहे बाल मैत्री स्कूल, स्कूलों का संचालन व बाल मैत्री स्कूलों के प्रति बच्चों का आर्कषण विषय पर बनी लघु फिल्में भी दिखाई गई। साथ ही प्रशिक्षुओं को इन फिल्मों के विषय में बताया भी गया। समापन समारोह के दौरान प्रभारी प्राचार्य डॉयट अरुण कुमार त्रिपाठी, एटा से आए डॉ. रमेश चंद्र, धीरज पाल सिंह, संजय शर्मा यूनिसेफ के जिला समंवयक ज्ञानेंद्र त्रिपाठी सहित कई शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.