'मौसमी बीमारियों से बचने के लिए बरतें सावधानी'
उतरौला (बलरामपुर) :
प्रतिदिन बदल रहे तापमान के चलते मौसमी बीमारियों के साथ वायरल इंफेक्शन के खतरे बढ़ रहे हैं। इस मौसम से लोगों को अपने खान-पान तथा रहन-सहन के बारे में सावधान रहने की जरूरत है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए चिकित्सकों ने अस्पताल आने वालों को बचाव के प्रति जागरूकता करने का अभियान शुरू किया है।
स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार बताते हैं कि इस मौसम में खाद्य पदार्थो पर विषाणुओं तथा जीवाणुओं का प्रसार तेजी से होता है और कटे तथा खुले फल, चाट, मिठाइयां, बासी भोजन के सेवन से कालरा हो सकता है। दूषित जल पीने से डायरिया तथा पीलिया जैसे रोग हो सकते हैं। इसलिए जलजमाव वाले स्थानों के हैंडपंपों का पानी पीने से बचना चाहिए और अगर अन्य कोई विकल्प न हो तो पानी को या तो उबाल कर पीएं अथवा क्लोरीन की गोलियों से जल को कीटाणुमुक्त कर लें। क्लोरीन की गोलियां स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध हैं। डॉ. एहसान खां बताते हैं कि बरसात के जमा पानी में मच्छर पनपते हैं जिनसे मलेरिया, टाइफाइड, वायरल फ्लू, इंसेफेलाइटिस जैसे रोग फैल रहे हैं। रात में मच्छरदानी के अंदर सोना, गंदे जल के जमाव पर मिट्टी का तेल डालना इन रोगों से बचने का अच्छा माध्यम है। हरी सब्जियां, साग आदि के सेवन से बचने की सलाह देते हुए डॉ. अताउल्लाह खां ने बताया कि खेतों में पानी भर जाने के बाद हानिकारक विषाणु हरे सब्जियों में चिपक जाते हैं, लेकिन सामान्य रूप से ये दिखाई नहीं देते। शरीर के भीतर जाने के बाद आंत्रशोथ, पीलिया जैसी बीमारियों का कारण बन जाते हैं। नियमित दिनचर्या तथा संतुलित खानपान बच्चों के साथ हर आयु वर्ग के लिए आवश्यक है।