अपने ही बुने जाल में उलझा बिजली विभाग
बलरामपुर : हाई वोल्टेज तार की चपेट में आने से सिपाही की मौत मामले में बिजली विभाग घिरता नजर आ रहा है। जिस बिजली के खंभे से तार टूटकर नीचे गिरा है उस स्थान पर इंसूलेटर ही नहीं लगा था। बिना इंसूलेटर के ही हाई वोल्टेज तार खींचा गया था। अधिशासी अभियंता ने इसकी पुष्टि की है।
मंगलवार को देवीपाटन मेले में ड्यूटी कर वापस अपने गांव लौट रहे सिपाही पवन पांडेय के अपर महराजगंज तराई थाना क्षेत्र के लक्ष्मनपुर - रजवापुर के बीच चकरोड पर हाई वोल्टेज तार टूटकर गिर पड़ा था। तार की चपेट में आने से सिपाही का मौके पर ही मौत हो गई । घटना को लेकर लक्ष्मनपुर गांव के लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह घटना बिजली विभाग की लापरवाही के कारण हुई है। बताते हैं कि जिस बिजली के खंभे तार टूटकर कर नीेचे गिरा है। उस खंभे पर इंसूलेटर पत्थर जिस पर बांधते हैं, लगा ही नहीं था। इंसूलेटर के बिना ही हाई वोल्टेज तार खींचा गया है जबकि विभाग में इंसूलेटर बदलने के नाम पर हर माह लाखों का वारा न्यारा होता है।
अधिशासी अभियंता एसओ ओझा ने तार टूटने वाले स्थान पर लगे खंभे में इंसूलेटर के स्थान पर लकड़ी का क्रास लगा होने की पुष्टि की है। कहा कि जांच कराई जा रही है। किन कारणों से इंसूलेटर वहां नहीं लगा था इसकी भी जांच कराई जाएगी। जिसकी लापरवाही मिलेगी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। तेज हवा के कारण तार टूटने की घटनाएं बढ़ी हैं।
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-डीएम ने भी मांगा स्पष्टीकरण
हाईवोल्टेज तार की चपेट में आने से हुई सिपाही की मौत मामले में बरती गई लापरवाही पर जिलाधिकारी मुकेश चंद्र ने बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता से स्पष्टीकरण तलब किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि संतोषजनक जवाब न मिलने पर शासन को रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी। इस संबंध में जारी नोटिस में डीएम ने तीन दिन में जवाब मांगा है। कहा है कि घटना स्थल पर बिजली विभाग के अधिकारी मेरे द्वारा सूचना देने पर नहीं पहुंचे। ग्रामीणों द्वारा तार टूटने की सूचना देने के बाद भी तीस मिनट तक आपूर्ति बहाल रही। संबंधित अधिकारियों ने मोबाइल फोन का स्वीच ऑफ कर लिया जो घोर लापरवाही है।