नेपाल से पहुंचा घाघरा में पानी, बढ़ा खतरा
जागरण संवाददाता, बलिया : नेपाल एवं तराई क्षेत्र में अधिक वर्षा के कारण घाघरा नदी में बहा
जागरण संवाददाता, बलिया : नेपाल एवं तराई क्षेत्र में अधिक वर्षा के कारण घाघरा नदी में बहाव तेज हो गया है। वहीं नेपाल के एल्गिन डैम से गत रविवार की शाम करीब चार लाख क्यूसेक पानी घाघरा में छोड़े जाने से जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। बुधवार को घाघरा का जलस्तर लाल निशान से 52 सेमी ऊपर पहुंच गया, जिससे बाढ़ प्रभावित गांवों में दहशत का माहौल व्याप्त है। घाघरा लगातार किसानों की उपजाऊ भूमि को निकलती हुए गांवों की तरफ बढ़ रही है।
रेवती : क्षेत्र में घाघरा का जलस्तर लगातार बढ़ाव पर है। मंगलवार को नदी चांदपुर में खतरे के लाल निशान से 52 सेमी यानी आधा मीटर से ऊपर पहुंच गई, जिससे आसपास के लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। अभी तक डेंजर जोन तिलापुर में बंधे पर प्रकाश संग मूलभूत सुविधाएं नदारद होने से लोगों में आक्रोश है। तटवर्ती ग्रामीण बाढ़ के डर से भयभीत होकर रतजगा कर रहे हैं। फ्लड जोन मे बसे नवकागांव, देवपुर मठिया, मठनाग, धूपनाथ व बैजनाथ के डेरा आदि गांव बाढ़ के पानी से घिर गया है जिससे उनको आने जाने में परेशानी हो रही है। बैरिया विधायक सुरेंद्र ¨सह ने बंधे के दौरे के पश्चात एसडीएम राधेशयाम पाठक से बाढ़ से घिरे लोगों को बंधे तक आने जाने के लिए आधा दर्जन नाव की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए कहा है।
नेपाल से पानी छोड़े जाने से घाघरा में बाढ़ जैसी स्थिति
बैरिया : नेपाल के एल्गिन डैम से घाघरा में पानी छोड़े जाने से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। तटवर्ती निचले इलाकों में घाघरा का पानी फैलने के साथ ही कई स्थानों पर कटान शुरू हो जाने के कारण इलाकाई लोग भयभीत हो गए हैं। सिताब दियारा अठगांवा, बकुल्हा, टोला फतेराय, गोपालनगर, शिवाल मठिया, वशिष्ठ नगर, तिलापुर आदि गांवों के सामने घाघरा खतरे के ¨बदु से लगभग आधा मीटर ऊपर बह रही है। इससे तटवर्ती लोग परेशान दिख रहे हैं। इस बीच जिलाधिकारी के आदेश पर पुराने सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन, पुराने बकुल्हा रेलवे स्टेशन, टिपुरी गांव के सामने बीएसटी बंधे पर व दतहां बंधे पर बाढ़ चौकी स्थापित कर वहां संबंधित विभाग के र्किमयों की तैनाती कर दी गई है।
बिल्थरारोड : घाघरा नदी का जलस्तर बुधवार को खतरा निशान से 45 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया और अभी भी नदी में लगातार बढ़ाव जारी है। इससे तटीय गांवों के लोगों में बेचैनी होने लगी है। बुधवार को तुर्तीपार डीएसपी हेड पर केंद्रीय जल आयोग द्वारा नदी का जलस्तर 64.460 मीटरी दर्ज किया गया। नेपाल से नदी में पानी छोड़े जाने की सूचना से तटीय इलाकों में भय व्याप्त है। नदी के बढ़ते जलस्तर से तटीय गांवों के लोगों में बाढ़ की भयानक त्रासदी का खौफ घर करने लगा है। बरसात के लगातार होने के साथ ही पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से नदी में पानी छोड़ने से नदी उफनाने लगी है।
सिकंदरपुर : क्षेत्र में घाघरा नदी का पानी तेजी से बढ़ता जा रहा है। बाढ़ का पानी नदी के पेटा से निकलकर ऊपरी भाग से होते हुए खेतों में फैलता जा रहा है। खेतों में बोई गई किसानों की विभिन्न फसलों डूबती जा रही है। इसी के साथ दियारा सीसोटार व मंगही में कटान क्रमश: तेज हो जाने से किसानों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी हैं। जमीन व फसलों की बर्बादी ने उन्हें झकझोर कर रख दिया है। पिछले 24 घंटे में नदी के जलस्तर में जहां 2 फीट की वृद्धि हुई है, वहीं नदी पांच बीघा क्षेत्रफल की भूमि फसलों सहित निगल चुकी है। उधर प्रमोद चौधरी, द्वारिका राजभर, राम आशीष यादव सहित आधा दर्जन किसानों के डेरे कटान की भेंट चढ़ चुके हैं।जिससे अन्य किसान अपना डेरा छोड़ माल मवेशियों के साथ ¨रग बंधा पर शरण लेने लगे हैं। इसी के साथ नदी के पुराने चरणों में बाढ़ का पानी भरते जाने से किसान दीयरों में आवागमन की कठिनाई झेलने को विवश है।
घाघरा निगल रही जमीन, कंगाल होते जा रहे किसान
जयप्रकाशनगर : मांझी के जय प्रभा सेतु से लेकर सिताबदियारा तक घाघरा का कहर जारी है। लगातार घाघरा किसानों के उपजाऊ भूमि को निगल रही है। इसी घाघरा कटान से चांददियर के किसान भी बूरी तरह तबाह हैं, ¨कतु उनकी दशा पूछने आज तक कोई नहीं आया। इस बात को लेकर गांव के प्रधान पति वीरेंद्र यादव बेतहासा दुखी हैं। उन्होंने बताया कि पंचायत के लगभग 50 किसानों के 100 बीघा से ज्?यादा जमीन घाघरा निगल गई है, ¨कतु बचाव के नाम पर यहां आज तक कुछ भी नहीं हुआ। इसके अलावा बाढ़ के दौरान भी यह पंचायत कई समस्?याओं से जूझता है। उन्?होंने सभी संबंधित अधिकारियों का ध्?यान आकृष्?ट कराते हुए कहा कि वह एक नजर चांददियर पंचायत की तबाही पर भी डाल दें ताकि किसानों की उपजाऊ भूमि को बचाया जा सके।
विधायक ने डेंजर जोन व बाढ का लिया जायजा
रेवती : बैरिया विधायक सुरेंद्र ¨सह ने मंगलवार को टीएस बंधा के डेंजर जोन तिलापुर व तटवर्ती ग्राम सभाओं का दौरा कर बाढ़ कटान का जायजा लिया। अपने दौरे के पश्चात बताया कि नदी के डेंजर लेबल पार करने से टीएस बंधा के तटवर्ती फ्लड जोन में बसे नवकागांव, देवपुर मठिया, मठनाग, धूपनाथ व बैजनाथ के डेरा आदि गांव जो बाढ़ के पानी से घिर गए है उनके लिए एसडीएम बैरिया से कहकर आधा दर्जन नाव की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा है। नवकागांव में कटान से विस्थापित हुए डेढ़ दर्जन परिवार को आíथक सहायता दिलाई जाएगी। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम बलिया में कैंप कर रही है। जरूरत के अनुसार तटवर्ती लोगों को सहायता दिलाने के लिए टीम हर समय तैयार है।