स्कूली बच्चे कर रहे तिपहिया वाहनों की सवारी
बलिया: एआरटीओ विभाग करीब तीन दिनों से स्कूल वाहनों के विरुद्ध सघन अभियान चलाकर मानकों की जांच कर रहा है और ठीक उसके नाक के नीचे ही बच्चों को धड़ल्ले से प्रतिबंधित तिपहिया वाहनों से ढोया जा रहा है। कितनी बड़ी विडंबना है कि विभागीय अधिकारी तीन दिनों में आधा दर्जन स्कूल वाहनों की जांच कर मानक के अनुरूप न पाए जाने पर उनमें करीब 15 वाहनों को धड़ाधड़ चालान कर दिया लेकिन उन्हें धरातल पर एक भी तिपहिया वाहन नजर नहीं आए। हालांकि आज भी नगर क्षेत्र में ही दर्जनों विद्यालय ऐसे हैं, जहां टेंपों से ही बच्चों को ढोया जा रहा है। ऐसे में विभागीय अभियान को हर बार की तरह बड़े स्कूलों तक ही चलाकर कोरम पूरा कर दिए जाने से समस्या का हल नहीं होना है। बताना लाजिमी है कि करीब एक वर्ष पूर्व जब कोर्ट व शासन ने स्कूल वाहनों के मानक को लेकर विभाग को निर्देश दिए तो उन्होंने तत्काल ही विद्यालय संचालकों को नोटिस भेजकर अपनी इति श्री कर ली। नतीजा हुआ कि एक-दो स्कूल वाले तो मारे डर के लाखों रुपये लगाकर नए वाहन खरीद लिए, जबकि विभागीय तौर पर कोई कड़ाई होते न देखकर अधिकतर खटारा वाहनों को ही चलाते रहे। ऐसे में जो संचालक नए वाहन खरीदकर चला रहे थे उनको अन्य विद्यालयों में चलने वाले खटारा वाहनों को देखकर सिस्टम के प्रति कोफ्त भी होने लगी लेकिन विभाग मौन साधे रहा। यही नहीं कोर्ट ने स्कूलों में तिपहिया वाहनों के संचालन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन यहां उसका कोई असर नहीं है। विभाग धरातल पर कार्रवाई करने के बावजूद हवा-हवाई ही अभियान चलाता रहता है, जिससे यहां मानक का कोई मतलब ही नहीं रहा। ऐसा नहीं कि हादसे नहीं हुए, निर्देशों के बाद भी तिपहिया वाहनों पर नकेल न लग पाने से करीब दर्जनों एक्सीडेंट हुए जिसमें चार-पांच बच्चों की मौत भी हुई। इसके बावजूद यहां जबरदस्त उदासीनता रही, जिससे आज तक ऐसे विद्यालयों पर शायद ही कार्रवाई हो पाई। अभी भी विभाग जिलाधिकारी के कड़े निर्देशों पर अभियान तो जरूर चला रहा है लेकिन समस्या के मूल पर उसकी नजर क्यों नहीं जा रही यह समझ से परे है।
तिपहिया वाहन नहीं चलेंगे स्कूलों के लिए : एआरटीओ
इस बाबत एआरटीओ (प्रशासन) संदीप कुमार पंकज का कहना है कि अभियान चल रहा है, जिसके अंतर्गत सभी स्कूल वाहनों की जांच होनी है। नगर या जनपद के किसी भी विद्यालयों में तिपहिया वाहनों का संचालन नहीं होने दिया जाएगा।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर