हम होंगे कामयाब एक दिन..
बलिया : क्रिकेट की चकाचौंध ने भारत के जिन खेलों के अस्तित्व पर ग्रहण लगाया है उनमें एक राष्ट्रीय खेल हॉकी भी है जिसका इस जनपद में अस्तित्व बचाने को युवा खिलाड़ी पूरी तन्मयता से जुटे हुए हैं। श्री मुरली मनोहर टाउन डिग्री कालेज के ग्राउंड पर नित्य सुबह-शाम इन खिलाड़ियों को पसीना बहाते किसी भी दिन देखा जा सकता है। इनका मानना है कि अनुशासन के साथ की गई कड़ी मेहनत एक न एक दिन रंग जरूर दिखाती है। मजे की बात यह कि खेल विभाग के तत्वावधान में हॉकी का कैंप चलता है वीर लोरिक स्टेडियम में और खिलाड़ियों की भीड़ जुटती है टीडी कालेज के ग्राउंड पर। इनके हौसले की उड़ान देखते ही बनती है। हर खिलाड़ी में कुछ कर गुजरने का जज्बा है। यही कारण है कि संसाधनों की थोड़ी कमी के बावजूद पूरे उत्साह से ये मंजिल तक पहुंचने की कवायद में लगे हुए हैं। इनमें से कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर भी धमाल कर चुके हैं। इसी ग्राउंड की उपज हैं मोहम्मद समीउल्लाह (स्कूल नेशनल), अवनीश सिंह (केडी सिंह बाबू सब जूनियर नेशनल) और रीना गोंड (स्कूल नेशनल)। यहां करीब चार दर्जन खिलाड़ी नियमित प्रशिक्षण ले रहे हैं जिनमें 15 बालिकाएं भी शामिल हैं। प्रशिक्षण देने की कमान संभालते हैं खुद समीउल्लाह। जिला हॉकी संघ के सचिव सरदार मोहम्मद अफजल बताते हैं कि उनकी कोशिश है कि खिलाड़ियों को इस मुकाम तक पहुंचा दें कि लोग बलिया को हॉकी के गढ़ के रूप में जानें। उन्होंने कहा कि जनपद के स्कूल-कालेजों में भी हॉकी का माहौल बनाया जाएगा। साथ ही खिलाड़ियों की नर्सरी भी तैयार की जाएगी ताकि यह खेल बागी धरती पर अर्श को स्पर्श कर सके।
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