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दोनों पड़ोसी जिलों में महिला कप्तान, होंगी कई चुनौतियां

जागरण संवाददाता बैरिया (बलिया) : काफी लंबे समय के बाद यूपी व बिहार के दो पड़ोसी जिले बलिया और छपरा मे

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Apr 2017 05:45 PM (IST)Updated: Sat, 29 Apr 2017 05:45 PM (IST)
दोनों पड़ोसी जिलों में महिला कप्तान, होंगी कई चुनौतियां
दोनों पड़ोसी जिलों में महिला कप्तान, होंगी कई चुनौतियां

जागरण संवाददाता बैरिया (बलिया) : काफी लंबे समय के बाद यूपी व बिहार के दो पड़ोसी जिले बलिया और छपरा में महिला पुलिस कप्तान की तैनाती हुई है। उधर बिहार के छपरा में अनुसुईया रण¨सह और इधर यूपी के बलिया में सुजाता ¨सह। आम लोग भी इस तैनाती को कई एंगल से देख रहे हैं, वहीं दोनों ही महिला पुलिस अधीक्षकों के लिए यूपी-बिहार की सीमा की सुरक्षा व अवैध कारोबार रोकना चुनौतियों से कम नहीं होगा। वजह कि सीमा पर चाहे शराब माफिया हो या अन्य शरारती तत्व, लाख प्रशासनिक तालमेल के बावजूद उनके कारनामे सीमा पर कभी भी बंद नहीं हुए है। बलिया की सीमा बैरिया विधानसभा क्षेत्र में आकर खत्म होती है, और यहीं से शुरू होती है, बिहार राज्य की सीमा। इस विधानसभा के मांझी के जयप्रभा सेतु से लेकर जयप्रकाशनगर तक बलिया की सीमा है, वहीं मांझी के जयप्रभा सेतु के उस पार बिहार के छपरा की सीमा है तो जयप्रकाशनगर से सटे सिताबदियारा और प्रभुनाथ नगर दो पंचायतें छपरा के सीमा में हैं। यहां प्रशासनिक चुनौती पर गौर करें तो इस क्षेत्र में शराब माफियाओं से लेकर अन्य कई तरह के अवैध मामलों में एक-दूसरे की सीमा के अवैध नेटवर्क भी पूरी तरह जुड़े हुए हैं। बिहार में शराबबंदी के बाद, बिहार प्रशासन मांझी सहित अन्य सीमा पर भले ही पूरी तरह मुस्तैद रहता है इसके बावजूद यूपी-बिहार सीमा के गांव शराब से कभी खाली नहीं रह पाए। शराब के अवैध विक्रेता जैसे पहले सक्रिय थे वैसे आज भी हैं। दोनों सीमा के शराब माफिया एक-दूसरे से व्यवसायिक तार जोड़ कर मांझी के जयप्रभा सेतु व जयप्रकाशनगर, सिताबदियारा नदी मार्ग से शराब सहित कई तरह के प्रतिबंधित वस्तुओं का आदान-प्रदान करते हैं। इसी बात की एक पड़ताल करने छपरा एसपी अनुसुईया रण ¨सह मांझी के जयप्रभा सेतु पर पिछले माह अपने दल-बल के साथ पहुंचीं थीं। तभी से उन्होंने यहां नदी मार्ग सहित सेतु पर भी पैनी नजर रखने का निर्देश दिया था। इधर यूपी वाले सिरे पर कोई खास नजर नहीं रखी जाती है। इसी का फायदा अवैध धंधे से जुड़े लोग आसानी से उठा लेते हैं और बिना किसी भय के वह सबकुछ करते है। जो पुलिस की नजरों में अवैध है ।

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लंबे समय से चल रहा सिलसिला

यूपी-बिहार के सीमा के इस इलाके में इधर का माल उधर का इधर का सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। इस बात का खुलासा कई बार पशु चोरी, वाहन चोरी आदि के मामले में यूं ही हो चुका है यूपी सीमा की चोरी गई पशुओं को दर्जनों बार बिहार से बरामद की है। वहीं बिहार प्रशासन ने भी अपनी सीमा में यूपी निर्मित शराब भारी मात्रा में कई बार बरामद किया है ।

अच्छे तालमेल से ही लगेगा अंकुश

प्रशासनिक मामलों के जानकार मानते है कि दोनों पड़ोसी जिलों के प्रशासन के बीच अच्छे तालमेल से ही, सीमा पर जारी अवैध धंधों पर अंकुश लग सकता है। दोनों ही जिलों में महिला पुलिस अधीक्षक की तैनाती सीमा क्षेत्रों के लिए हर मायने में खास है।


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