कण-कण में विद्यमान हैं भगवान
दुबहड़ (बलिया) : ईश्वर प्रत्येक जीव के अंदर व कण-कण में विद्यमान हैं। ईश्वर को प्राप्त करने के लिए
दुबहड़ (बलिया) : ईश्वर प्रत्येक जीव के अंदर व कण-कण में विद्यमान हैं। ईश्वर को प्राप्त करने के लिए काम, क्रोध, लोभ व मोह का त्याग कर निस्वार्थ भावना से संसार व समाज का कल्याण करते हुए परमशक्ति का सुमिरन करना चाहिए। यह बातें रविवार को घोड़हरा स्थित शतचंडी नवदुर्गा मंदिर पर माधव जी महाराज व मानव उत्थान सेवा संस्थान के तत्वावधान में आयोजित सत्संग में संत वशिष्ठ पांडेय ने कहीं। माधव जी महाराज के शिष्य अशोक कुमार झगरू बाबा ने कहा कि ईश्वर की प्राप्ति अपना यथोचित कर्म करते हुए घर-गृहस्थी में भी हो सकता है। आवश्यकता है तो केवल ईश्वरीय सत्संग की। इससे मनुष्य के समस्त प्रकार के पाप व विकार नष्ट हो जाते हैं। जब मनुष्य के पाप व विकार नष्ट हो जाते हैं तब उस मनुष्य का मन सन्मार्ग की तरफ प्रेरित होकर सुंदर कर्म करते हुए ईश्वरीय सुख की ओर अग्रसर होने लगता है। कार्यक्रम में भगवत दास, डा.मुन्ना, स्वामीनाथ, प्रेम सागर झुन्ना, श्रीभगवान शर्मा, पप्पू वर्मा, मुन्ना वर्मा, चंद्रदेव वर्मा, दीनानाथ, ददन वर्मा आदि मौजूद थे।