चाइनीज उत्पादों को नकार रहे लोग
बलिया : पाकिस्तान के साथ बिगड़े हालात के बाद भारत व चीन के बीच हुए मनमुटाव का असर जनमानस पर भी जबर्दस
बलिया : पाकिस्तान के साथ बिगड़े हालात के बाद भारत व चीन के बीच हुए मनमुटाव का असर जनमानस पर भी जबर्दस्त ढंग से पड़ा है। इसकी वजह से पूरे देश में चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार को लेकर जो माहौल बना है उसमें बागी धरती भी कदम से कदम मिला कर चलने को तैयार है। चाइनीज उत्पादों को लेकर सरकार भले की कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही पर आम लोगों के अंदर खुद से ही इसके बहिष्कार के प्रति गजब की जागरुकता आई है। हालात है कि दीपावली जैसे प्रमुख त्यौहार के बाद भी चाइनीज उत्पादों को लेकर जरा भी रौनक नहीं है। इसके पूर्व त्यौहार के दिनों में जहां बिजली आदि की दुकानें विभिन्न प्रकार की लाइटों व झालर आदि से सज जाती थी तो आज यह कम ही जगह दिख रही है। देश में बने माहौल को देखते हुए बड़े व्यापारी भी उत्पादों को मंगाने से परहेज कर रहे हैं। इसमें चकाचौंध के लाइट आदि के साथ ही अन्य उत्पादों के प्रति भी लोगों का रूझान कम ही दिख रहा है। ऐसे में कहे तो चाइनीज उत्पादों पर रोक लगाने के लिए सरकार के पास भले की तमाम बाध्यताएं हों पर आम लोग स्वतंत्र रूप से इसके बहिष्कार का मन बना चुके हैं। यह स्थिति गांवों में भी नजर आ रही जहां लोग देशी उत्पादों को अपनाने पर जोर दे रहे हैं।
देशी उत्पादों पर दें जोर तो बने बात
चाइनीज उत्पादों के मकड़जाल में देश इस कदर फंस चुका है कि इससे पूरी तरह निजात पाना नामुमकिन है पर देशी उत्पादों को बढ़ावा देकर इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इसके प्रति आम लोगों की राय भी कुछ इसी तरह की है। लोगों का मानना है कि सरकार कुम्हारों के उद्योग को बढ़ावा देकर दीपावली आदि पर्व पर काफी हद तक चाइनीज उत्पादों की बिक्री को रोक सकती है।
बाजार में भी नहीं है रौनक
चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार के चलते बाजारों में भी इसको लेकर कोई रौनक नहीं है। बाजार में लोग धीरे-धीरे चाइनीज उत्पादों को स्वत: ही हटाने का काम कर रहे हैं। इसमें लाइट, झालर आदि से लेकर सभी तरह के उत्पादों के प्रति लोगों का नजरिया बदल गया है। बड़े व्यापार जो पहले काफी मात्रा में सामान मंगाते थे अब वो भी अपना हाथ पीछे खींच लिए हैं। बड़ी बात है कि इसकी वजह से अब लोग भी दुकानों पर देशी उत्पादों की मांग खुद से करने लगे हैं। ऐसे में लोगों के अंदर थोड़ा और स्वाभिमान जगे तो निश्चित तौर पर बाजार से इन चाइनीज उत्पादों का वर्चस्व समाप्त हो जाएगा।