विभिन्न दुश्वारियां झेलने की मजबूरी
दूबेछपरा (बलिया): दूबेछपरा ¨रग बांध टूटने के बाद गांव के लोगों की दुश्वारियां बाढ़ ने तो बढ़ाई ही है
दूबेछपरा (बलिया): दूबेछपरा ¨रग बांध टूटने के बाद गांव के लोगों की दुश्वारियां बाढ़ ने तो बढ़ाई ही है, बंधे के पास कटान तेज होने के कारण गांव के लोगों की जान सांसत में आ गई है। गांव के लोग अपने गांव का अस्तित्व बचाने की ¨चता में तल्लीन हो गए हैं। वहीं संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है।
गत 27 अगस्त को उक्त ¨रग बंधा गंगा की बैकरोल धारा से लगभग 300 मीटर की परिधि में टूट कर बह गया था। जिससे दूबेछपरा, गोपालपुर, उदईछपरा सहित डेढ़ दर्जन गांव तबाह हो गए। वहां की हजारों एकड़ जमीन में बोई गई फसलें भी बाढ़ के पानी में बह गई। अब वहां के ग्रावासी एनएच 31 सुघर छपरा से लेकर टेंगरही तक शरणार्थी बने हुए हैं। वहीं पानी से घिर गांव के लोग अनेक दुश्वारियों का सामना करने को मजबूर हैं। प्रशासन स्तर से अभी तक उन पीड़ितों को कोई सहायता उपलब्ध नहीं हो पाई है।
कटान से केहरपुर गांव का अस्तित्व खतरे में
कटान से केहरपुर गांव के साथ-साथ वहां का प्राथमिक विद्यालय भी खतरे में पड़ गया है। इससे पूर्व श्रीनगर और चौबेछपरा का अस्तित्व भी समाप्त हो गया है। फलस्वरूप केहरपुर के ग्रामीण अना आशियाना उजाड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं। संपर्क मार्ग के टूटने से उन्हें अपना सामान बाहर निकालने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा पका-पकाया भोजन का हो रहा है वितरण
बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. राकेश ¨सह के पहल पर बेसिक शिक्षक भी बाढ़ पीड़ितों में पका-पकाया भोजन वितरण किया जा रहा हैं। इसी क्रम में चंद्रशेखर मैराथन समिति बलिया द्वारा बाढ़ पीड़ितों में पका पका-पकाया भोजन वितरण करने का क्रम जारी है।