डीएम ने लिया राहत शिविरों का जायजा
बलिया : जिलाधिकारी गो¨वदराजू एनएस बुधवार को जनपद में स्थापित बाढ़ राहत शिविरों का जायजा लिया तथा पीड़
बलिया : जिलाधिकारी गो¨वदराजू एनएस बुधवार को जनपद में स्थापित बाढ़ राहत शिविरों का जायजा लिया तथा पीड़ितों को दी जा रही सुविधाओं को जाना। पीड़ितों से वार्ता कर उनकी समस्याओं के निस्तारण हेतु संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश दिया। सदर तहसील क्षेत्र के चितबड़ागांव मोड़ पर बने राहत शिविर का मौके पर निरीक्षण किया। इस कैंप में मानपुर गांव के करीब सौ लोग परिवार एवं जानवरों सहित रह रहे हैं।
जिलाधिकारी ने पीड़ित परिवारों से भोजन, चिकित्सा सुविधा आदि के बारे में जानकारी ली। एक बच्चे के बीमार होने की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी ने तुरन्त सीएमओ डा. पीके ¨सह को इलाज के लिए निर्देशित किया। डॉक्टर, दवा, एम्बुलेंस आदि व्यवस्था तत्काल करने को कहा। इसके बाद जमुना राम डिग्री कालेज पर बने राहत शिविर पर गये। वहां भी पीड़ितों का हाल चाल लिया। पीड़ित परिवारों से पूछने बताया गया कि सुबह नाश्ता मिला था। जिलाधिकारी ने वितरित की गयी खाद्य सामग्री की गुणवत्ता भी जांची। यहां पर भी सीएमओ को निर्देश
दिया कि चिकित्सा सुविधा पर नजर बनाये रखें। मेडिकल टीम बराबर आकर यहां लोगों का हालचाल लेती रहे।
जिलाधिकारी ने माल्देपुर मोड़ पर बनी पुलिस बाढ़ राहत चौकी का भी निरीक्षण किया। उन्होंने सीओ सदर बाबूलाल यादव व कोतवाल से बातचीत करके क्षेत्र की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने पुलिस को भी हमेशा सतर्क रहने और स्थिति पर सतत नजर रखने का निर्देश दिया। इस दौरान एसपी प्रभाकर चौधरी साथ रहे।
राहत शिविरों पर हर जरूरी सुविधा
जिलाधिकारी गो¨वदराजू एनएस ने कहा कि प्रत्येक राहत शिविर में हर जरूरी सुविधाएं उपलब्ध है। बावजूद इसके यदि किसी को कोई परेशानी होती है तो वह वहां तैनात कर्मियों से बता सकता है। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि बाढ़ की विभिषिका के दौरान बेहतर कार्य करने वाले प्रधानों की मानिट¨रग की जा रही है उन्हें स्थिति सामान्य होने पर जनपद स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।
लिया रेस्क्यू का जायजा
जिलाधिकारी ने एनडीआरएफ व पीएसी के जवानों के द्वारा किये जा रहे रेस्क्यू अभियान का भी जायजा लिया। बुधवार को ही आयी एनडीआरएफ की नई टीम, जो रेस्क्यू की तैयारी में थी, उनसे बात की और रेस्क्यू अभियान
में तेजी लाने को कहा। उन्होंने जनता से भी अपील किया कि यदि अभी भी कोई बाढ़ में फंसा है तो बतायें, ताकि उनको सुरक्षित जगह पर लाया जा सके। वहां से हल्दी गये और बंधे पर एनडीआरएफ के जवानों को पानी में उतरने का निर्देश दिया। जवानों से कहा कि पानी में भ्रमण करते रहें और यदि अभी भी कोई बाढ़ में फंसा दिखे तो उसे सुरक्षित स्थान पर ले आएं। इस दौरार अपर जिलाधिकारी मनोज ¨सघल साथ थे।
राहत व बचाव कार्य में भारी धांधली
बैरिया : दूबेछपरा ¨रग बांध को बचाने के नाम पर सरकारी धन के बंदरबांट का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि एक ट्रैक्टर ईंट के टुकड़े डाले जा रहे है और दस ट्रैक्टर रिकार्ड में दर्ज किया जा रहा है। दूसरी तरफ पूरे बाढ़ क्षेत्र में राहत व बचाव के नाम पर प्रशासन द्वारा कुछ भी नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता बब्बन ¨सह रघुवंशी ने कहा है कि बाढ़ समाप्त होते ही बाढ़ राहत में हुए खर्च की उच्च स्तरीय जांच के लिए प्रत्यावेदन किया जाएगा।
अंधेरा होते ही बाढ़ चौकियां हो जा रही खाली
बैरिया: अंधेरा होते ही वहां से गायब हो जाते है वहां तैनात कर्मचारी। जब तक डीएम, एसडीएम व अन्य अधिकारियों की आने की उम्मीद रहती है, तब तक बाढ़ चौकियों पर कर्मचारी तैनात रहते है। जैसे ही डीएम, एसड एम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार तहसील की तरफ वापस लौटे उसी समय बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों की मोटरसाइकिल भी स्टार्ट हो जाती है और वह घर चले जाते हैं। बाढ़ पीड़ितों ने जिलाधिकारी से बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मियों की लगातार उपस्थिति सुनिश्चित कराने का आग्रह किया है। बैरिया तहसील क्षेत्र में गंगा व घाघरा की बाढ़ से प्रभावित गांवों के लिए कुल 16 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है और वहां कर्मचारियों की तैनाती की गई है।
पीड़ितों के बीच पहुंचाया भोजन
बाढ़ की मदद के लिए हाथ उठने लगे है। लाल जी पाण्डेय के नेतृत्व में दुबहड़ क्षेत्र के बसरिकापुर, सीताकुंड, हल्दी, भरसौता, चैनछपरा आदि गांवों में पीड़ितों के बीच पूड़ी आदि का वितरण किया। इस मौके पर करूणानिधान तिवारी, श्याम नारायण यादव, भरत यादव, किशोर तिवारी, मनोज वर्मा आदि मौजूद थे।