खेतों में घुसा घाघरा का पानी, सैकड़ों एकड़ फसल नष्ट
बलिया : गंगा व टोंस ने तो अपनी लहरों को फिलवक्त समेट लिया है पर घाघरा अपने तेवर में है। रविवार को
बलिया : गंगा व टोंस ने तो अपनी लहरों को फिलवक्त समेट लिया है पर घाघरा अपने तेवर में है। रविवार को उसके रूख में थोड़ी सी नरमी अवश्य दिखी पर वह बाढ़ पीड़ितों को राहत देने वाली नहीं थी। घाघरा का पानी खेतों में फैल जाने से सैकड़ों एकड़ फसल जहां पूरी तरह नष्ट हो गई वहीं कटान से लोगों की नींद गायब हो गई। लोग कातर निगाहों से जहां अपने बर्बाद होते खेत देखते रहे वहीं अपना सामान समेट सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करते देखे गए। प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों के लिए नाव का प्रबंध करना प्रारंभ कर दिया है।
बकुल्हा प्रतिनिधि के अनुसार घाघरा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से घाघरा के तटवर्ती लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के सैकड़ों एकड़ मक्के की खड़ी फसल में बाढ़ का पानी फैल जाने से काफी नुकसान हुआ है। वहीं परवल सहित अन्य सब्जी की खेती भी घाघरा की बाढ़ में डूबकर पूरी तरह नष्ट हो गई है। क्षेत्र के घाघरा के तटवर्ती सैकड़ों एकड़ खेत में खड़ी मक्के व परवल की फसल घाघरा के पानी में डूब गई है।
सिकंदरपुर प्रतिनिधि के अनुसार घाघरा नदी के बाढ़ का पानी इलाके के दियारों में लगातार तबाही मचाता जा रहा है। ऊपरी भागों में पानी चढ़ जाने से जमीन और फसल के क्षति का सिलसिला जारी है। शेखपुर- खरीद घाट पक्का मार्ग पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने से बिहार व दियारा में आने जाने वालों की कठिनाई बढ़ गई है । लोगों को पानी के बीच से होकर ही आवागमन करना पड़ रहा है। शेखपुर से घाट तक चार पहिया वाहनों का आवागमन ठप पड़ गया है । उधर डूंहा के वनखंडी नाथ मठ की सुरक्षा हेतु बनाई गई बंधी में लगाई गई बालू भरी बोरिया दबती व बहती जा रही है। अवरोध के हट जाने से बाढ़ का पानी जहां मठ के उत्तरी दीवार से सट कर बहने लगा है वहीं पूर्वी दीवार से मात्र 10 फीट दूर कटान लग जाने से वहां रहने वाले साधु संतों में बेचैनी बढ़ गई है ।
बिल्थरारोड प्रतिनिधि के अनुसार तुर्तीपार डीएसपी हेड पर घाघरा का जलस्तर रविवार को खतरा निशान
64.010 मीटर से 16 सेमी ऊपर पहुंच गया पर गनिमत रही की नदी की प्रवृत्ति घटाव पर आ गई। हाहानाला-तुर्तीपार तटबंध पर तो नदी का पानी तेजी से दबाव बनाते हुए ऊपर पहुंचने लगा है। जिससे छोटकी टंगुनिया, मठिया व चैनपुर की तरफ डेंजर जोन में खलबली सी मच गई है।
हल्दीरामपुर प्रतिनिधि के अनुसार बेल्थराबाजार गांव के समीप करीमगंज में नदी का पानी रिहायशी इलाकों को छू गया है। जहां विश्वनाथ साहनी, जीतन, लोचन, रोधश्याम व बंधन के घर की दीवारों से नदी की लहरें टकराने लगी है।
घाघरा के आतंक से आतंकित है लोग
रेवती : एक सप्ताह से घाघरा नदी लगातार बढाव पर है खतरे के लाल निशान 58 मीटर से 87 सेमी ऊपर बह रही है। नदी के बढ़ाव के चलते बंधे के उत्तर डेंजर जोन में बसे नवकागांव, मांझा, आंशिक धूपनाथ व बैजनाथ के डेरा से सटे नालो व छाड़न में बंधे तक पानी भर जाने से लोगों को बंधे तक आने में कमर भर पानी से होकर आना पड़ रहा है। प्रशासन द्वारा कुछ नावों का प्रबंध किया गया है पर यह पर्याप्त नहीं है।