उदासीनता से डाक बंगला के आस्तित्व पर खतरा
फोटो 13 सिकंदरपुर (बलिया) : तहसील क्षेत्र अंतर्गत कुतुबगंज घाट (कठौड़ा) पर स्थित बाढ़ विभाग का डाक
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सिकंदरपुर (बलिया) : तहसील क्षेत्र अंतर्गत कुतुबगंज घाट (कठौड़ा) पर स्थित बाढ़ विभाग का डाक बंगला देखरेख और मरम्मत के अभाव में जर्जर होता जा रहा है। सफाई के अभाव में परिसर गंदगी का पर्याय बना हुआ है। बाउंड्रीवाल ध्वस्त होती जा रही है। भवन के ऊपर लगाए गए सीमेंट शेड की चादरें टूटकर गिरने लगी है। यदि मरम्मत नहीं करायी गई तो चंद वर्षों में इसका अस्तित्व समाप्त हो सकता है।
करीब चार दशक पूर्व प्रदेश के तत्कालीन सिचाई मंत्री कठौड़ा निवासी स्व. जगन्नाथ चौधरी के प्रयास के बाद विभाग द्वारा इस डाकबंगला को निर्मित कराया गया था। निर्माण के समय ही मुख्य भवन में बड़ा हाल व उसके अगल बगल के दो कमरे तथा सामने बरामदा निर्मित कराया गया था। वहीं सामने बड़ा लॉन छोड़ा गया था, जिसके मध्य में अधिकारियों के बैठने के लिए एक गोलंबर भी निर्मित हुआ था। डाक बंगला की सुरक्षा के लिए चारों तरफ ऊंची बाउंड्री बनी थी। नदी की तरफ के बाउंड्री की दीवार में लोहे की मजबूत जालिया लगी हुई थी, जिससे कि परिसर के गोलंबर पर बैठकर नदी के हलचल पर निगाह रखी जा सके। रख रखाव के अभाव में बाउंड्री का तीन चौथाई भाग ध्वस्त हो गया है। जालियां व ईंट गायब हो गई हैं। रंगाई-पुताई के अभाव में मुख्य भवन, चौकीदार का कमरा व बॉउंड्री की बची दीवारें गंदा हो डाक बंगला के नाम को मुंह चिढ़ा रही है। समाजसेवी सत्येंद्र कुमार चौधरी, सोनू चौधरी सहित आसपास के गांवों के लोगों ने डाकबंगला के शीघ्र मरम्मत की मांग की है।