आठ माह बाद फिर निकला बोतल से जिन्न
बलिया : ग्राम प्रधान चुनाव के समय सुखपुरा थाना क्षेत्र के धरहरा में हुए जहरीली शराब कांड का जिन्न ब
बलिया : ग्राम प्रधान चुनाव के समय सुखपुरा थाना क्षेत्र के धरहरा में हुए जहरीली शराब कांड का जिन्न बोतल से बाहर आते ही चर्चा का बजार गरम हो गया है। उस समय चुनाव के समय यह सबसे बड़ी घटना थी। वर्ष नवंबर 2015 में धरहरा गांव में वोट को अपने पक्ष में करने के लिए चले दारू व मुर्गा के बीच जहरीली शराब पीने से 24 घंटें के अंदर तीन लोगों की मौत हो गई थी। एक व्यक्ति की आंखों की रोशनी चली गई थी। उस समय तत्कालीन एसपी अनीस अहमद अंसारी ने इस मामले का खुलासा करने में सक्रियता दिखाई थी। देखते ही देखते चुनाव बीत गया और यह मामला ठंडे बस्ते में चल गया।
उसी समय मजिस्ट्रेटी जांच के अलावा पुलिस भी अलग से जांच में जुटी हुई थी। घटना के बाद मौके से बिना रैपर का एक प्लास्टिक की शीशी मिली थी। जिसमें शराब की गंध आ रही थी। उसे आबकारी विभाग ने जांच के लिए कब्जे में ले लिया था। घटना के इतने दिन बाद भी अभी तक यह साबित नहीं हो पाया कि प्रधान पद के प्रत्याशियों में किसकी तरफ से यह दावत दी गई थी। अब अपर जिलाधिकारी बच्चा लाल की अध्यक्षता में चल रही मजिस्ट्रेटी जांच प्रकरण में 28 जुलाई को साक्ष्य व बयान दर्ज होना है। अब देखना है कि इस मामले से पर्दा कब उठता है। उस दिन का हर किसी को इंतजार है।
यह थी घटना
धरहरा गांव में द्वितीय चरण के प्रधानी चुनाव को लेकर रस्साकशी चल रही थी। गरीबों तबके के वोट में सेंध लगाने के लिए मुर्गा व दारू का दौर चल रहा था। इस दौरान एक पक्ष ने दावत रखी। इसमें जहरीली शराब पीने से केशव ¨बद (65), कुंदन गुप्ता (55) व राम गो¨वद ¨बद (65) की मौत हो गई थी। वहीं करीब दो दर्जन से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसमें सूर्यदेव ¨बद (25) की आंखों की रोशनी चले जाने व हालत बिगड़ने पर सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने वाराणसी के लिए रेफर कर दिया था। शराब से तीन लोगों की मौत के बाद गांव में मातम छा गया था।
मृतक केशव के माध्यम से रखी गई थी दावत
प्रधानी चुनाव में उतरे प्रत्याशी मृतक केशव ¨बद के माध्यम से वोट की से¨टग के लिए दावत रखी गयी थी। उसकी बात एक बस्ती के लोग मानते थे। इसलिए उसे बाटी व मुर्गा के लिए धन उपलब्ध कराने के साथ ही शराब की शीशी प्रदान की गई। वह अपने लोगों के साथ बाटी, मुर्गा लगाने के बाद मिले शराब को सभी को पिलाई। इसके बाद तो गांव में मातम हो गया। प्रत्याशी भी अपने को इससे दूर कर लिए। इसमें केशव की मौत हो जाने से यह स्पष्ट नहीं हो सका कि यह जहरीली शराब किसके पक्ष से परोसी गई थी।