.ताकि अब कोई बच्चा न हो हताहत
बलिया : कहते इंसान गलतियों से सबक लेता है पर कोई परिवार जब इस बात के लिए प्रयास करे कि जो गलती हम
बलिया : कहते इंसान गलतियों से सबक लेता है पर कोई परिवार जब इस बात के लिए प्रयास करे कि जो गलती हमने की कोई और न करें तो वह महान की श्रेणी में दर्ज हो जाता है। इस इसी तरह का कार्य किया है रत्नेश पाठक व उनकी पत्नी रीना पाण्डेय ने। बुधवार की शाम उन्होंने बच्चों में हेलमेट व बड़े लोगों में पंपलेट बांट कर यह जागृति किया कि सड़क पर बिना हेलमेट दो पहिया वाहन न चलाएं। यह जागृति इस दंपती ने 29 मार्च की उस घटना से प्रेरित होकर किया जिसमें उनकी बेटी तितिक्षा पाठक की मौत एक सड़क हादसे में हुई थी। घटना से वक्त उसने हेलमेट नहीं पहना था। नगर के विशुनीपुर चौराहे पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर उक्त दंपती ने लोगों को यातायात नियमों के पालन के प्रति जागरूक किया। आयोजन में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन श्यामलाल ने कहा कि परिवहन विभाग जब शासनादेश के अनुसार अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए गाड़ियों का चालान करता है तो उसे तमाम सिफारिशों का अवरोध विरोध को झेलना पड़ता है। सिफारिश करने वाला एक बार भी यह नहीं सोचता है कि आखिर परिवहन विभाग उनकी भलाई के लिए ही रोक-टोक करता है। क्षेत्राधिकारी यातायात केसी ¨सह ने कहा कि सड़क हादसों पर हमारा भी मन व्यथित होता है क्योंकि हमारा भी परिवार है। कहा कि यदि अभिभावक छोटे बच्चों को वाहन न दें और घर से निकलते समय हेलमेट की बात पर टोकें तो निश्चित तौर पर सड़क हादसों में मृतकों की संख्या में कमी आएगी। कहा हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि कभी भी हम बिना हेलमेट वाहन नहीं चलाएंगे। इस दौरान सभी ने इस आयोजन की प्रेरणास्त्रोत तितिक्षा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम के आयोजक व मृतका के चाचा पूर्व प्रमुख दिनेश पाठक ने सभी का आभार जताया और कहा कि आप हमें बल दें कि हम शहर को इस कदर जागरूक कर पाए कि एक भी दो पहिया चालक बिना हेलमेट अपना वाहन न चलाए।